JAIPUR. राजस्थान में बीते शनिवार, 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में बंपर वोटिंग हुई है। वहीं पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार 1 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है। जानकारी के मुताबिक मध्य क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ा है और पश्चिमी क्षेत्र में सबसे कम वोटिंग हुई है। ऐसे में राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र में सचिन पायलट का असर माना जा रहा है।
हार-जीत का फैसला गुर्जर वोटर्स के हाथ
पूर्वी राजस्थान का इलाका गुर्जर बाहुल्य वर्ग है। ऐसे में अमुनान लगाया जा रहा है कि इस क्षेत्र में सचिन पायलट का जादू चला है। आंकड़ों के मुताबिक शनिवार रात तक राजस्थान में 74.96% मतदान हुआ और अब माना जा रहा है कि पूर्वी राजस्थान चुनाव में गुर्जर वोटर्स हार जीत का फैसला करेंगे। वहीं राजस्थान के दौसा, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, अलवर और भरतपुर गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र हैं। इसलिए सियायत का कहना है कि पूर्वी राजस्थान में गुर्जर वोटर्स हार जीत के फैसले में अहम भूमिका निभाते हैं। गौरतलब है कि स्व. राजेश पायलट की सियासत का केंद्र भी पूर्वी राजस्थान रहा है। उनके बाद सचिन पायलट ने भी यहां अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। इन क्षेत्रों में सचिन पायलट का काफी प्रभाव माना जाता है। ऐसे में बंपर वोटिंग होने के पीछे सियासत सचिन पायलट के प्रभाव को भी देख रही है।
एक्सपर्ट्स की राय
राजस्थान में बंपर वोटिंग के बाद राजनीतिक विश्लेषक और सीनियर जर्नलिस्ट एसपी मित्तल इस मतदान को बीजेपी के पक्ष में देख रही है।
साथ ही पूर्वी राजस्थान के बंपर वोटिंग को पायलट के लिए भी लाभकारी माना जा रहा है। राजस्थान के चुनाव में इस बार युवाओं ने बढ़ चढ़कर वोटिंग की है।