शिक्षा विभाग और सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती स्कूलों की तस्वीर, मंदिर, गुरुद्वारा और खुले प्रांगण में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

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The Sootr
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शिक्षा विभाग और सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती स्कूलों की तस्वीर, मंदिर, गुरुद्वारा और खुले प्रांगण में पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

कमलेश सारड़ा,  NEEMUCH. मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की सरकार नए स्कूल भवनों के लोकार्पण और सीएम राईस स्कूलों की घोषणा कर शिक्षा विभाग के भवनों को लेकर विकास के बडे़ दावे कर रही है। लेकिन, जावद विधानसभा की सिंगोली तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत बधावा के अधिकांश गांवों में शासकीय प्राथमिक स्कूलों के भवनों की जर्जर स्थिति सरकार के दावे की पूरी तरह से पोल खोल रही है।

स्कूलों की हालत खराब

पंचायत क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों की हालत यह है कि कहीं छत से पानी टपक रहा है तो कहीं सीमेंट का प्लास्टर, कहीं फर्श और दीवारों की हालत खराब है। कहीं छत गिर चुकी है तो कहीं गिरने को बेताब है। स्कूल में शौचालय में निकासी की जगह नहीं है। ग्रामीण अपने बच्चों को टूटे खण्डहरों में बच्चों के भविष्य को संवारने की आस में मौत के मुंह में पढ़ाने के लिए भेज रहे हैं। ऐसे में जानलेवा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। ऐसा भी नहीं है कि जिला स्कूल प्रशासन और राजनेताओं को कोई जानकारी नहीं है। विद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों और ग्रामीणों के अनुसार 22 जुलाई 2022, 24 नवम्बर 2022 और 17 जून 2023 के अलावा भी बीआरसी कार्यालय जावद और डीपीसी कार्यालय नीमच को कई बार लिखित और मौखिक अवगत कराने के बावजूद भी जिम्मेदारों ने अभी तक मामले की सुध नहीं ली है। जिसके कारण शिक्षक कभी बच्चों को मंदिर प्रांगण, तो कभी गुरुद्वारा प्रांगण तो कभी खुले में ही पढ़ाने पर मजबूर हो रहे हैं।

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शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में

नीमच जिले के जावद तहसील के अंतर्गत बधावा पंचायत के ग्राम लक्ष्मीपुरा पाड़लिया, बधावा, बिरमपूरा, देवपूरिया आदि ग्रामों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में है। यहां के शासकीय प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। जिसके चलते स्कूल भवन की बिल्डिंग अपना अस्तित्व खो बैठी है। व्यवस्था नहीं होने के कारण गांव के ही मंदिर, गुरुद्वारा और खुले प्रांगण में पढ़ाया जा रहा था। पर अब मंदिरों और गुरुद्वारे में भी पढ़ाने से मना कर दिया गया है। जिसके कारण स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा के अभाव से वंचित नजर आ रहे हैं। लेकिन फिर भी जिम्मेदारों ने अभी तक सुध नहीं ली।

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अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई बदलाव नहीं

नया भवन बनाने को लेकर स्कूल के शिक्षकों ने संबंधित अधिकारियों को भी क‌ई बार अवगत कराया। बीआरसी कार्यालय जावद के पूर्व अधिकारी एस. एन. बैरागी, एस.एस.चंदेल और वर्तमान अधिकारी आर. बी. सिंह शक्तावत सभी को जनशिक्षकों के माध्यम से अवगत कराने और शिक्षा विभाग के इंजीनियर एस. एन. शर्मा द्वारा विभागीय सर्वे के बावजूद भी अधिकारियों के निरीक्षण करने तक ही सीमित रह गया। किसी ने नए भवन बनाने को लेकर कोई सुध नही ली। कल से अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसके जिम्मेदार कौन होंगे..? वहीं इस मामले में शासकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं और ग्रामीणों सुमैरसिंह राजपूत, पूर्व सरपंच चुन्नीलाल भील, जसवंत गुर्जर, सत्यनारायण बंजारा, मुकेश बैरागी, धर्मराज गुर्जर, लाखन सिंह राजपूत, मुकेश बंजारा आदि का कहना है कि स्कूल भवन सालों पहले जर्जर हो चुके हैं। इसलिए खुले में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों और राजनेताओं को भी क‌ई बार भवन की समस्या से लिखित और मौखिक रूप से अवगत करा चुके हैं। लेकिन अभी तक निरीक्षण और शीघ्र स्वीकृत कर बनाने का आश्वासन ही दिया जा रहा है।

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