मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में गुरुवार शाम 3 बजे नाम वापसी का समय समाप्त होने के साथ ही चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई। करीब 50 से ज्यादा सीटों पर बगावती उम्मीदवारों का सामना कर रहे बीजेपी और कांग्रेस को कुछ बड़े बाकियों को मनाने में सफलता मिली है, लेकिन अभी भी कई सीटों पर दोनों ही दलों को बागी प्रत्याशियों का सामना करना पड़ेगा। इस मामले में पूरी तस्वीर देर रात तक साफ होने की उम्मीद है क्योंकि चुनाव आयोग पूरे प्रदेश का डाटा अभी इकट्ठा कर रहा है।
अमित शाह के फोन के बाद माने राजपाल सिंह
बागी प्रत्याशियों का मनाने के मामले में बीजेपी को बड़ी सफलता जयपुर की झोटवाड़ा सीट पर मिली जहां पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेहद नजदीकी माने जाने वाले राजपाल सिंह शेखावत ने नामांकन दाखिल कर दिया था, लेकिन बुधवार रात गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत के बाद गुरुवार सुबह उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया। अमित शाह ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को फोन करके राजपाल से बात करने के लिए कहा। अरुण सिंह ने राजपाल को फोन करके बुलाया और समझाया। बुधवार देर शाम राजपाल ने कोर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमित शाह ने मुझे वादा किया गया है, इस बारे में सोचना जरूरी है। आज गुरुवार को राजपाल सिंह नामांकन वापस ले लिया।
जनता को भ्रष्ट कांग्रेस सरकार से मुक्ति दिलाना हैः शेखावत
नामांकन वापसी के बाद शेखावत ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे फोन पर बात की और उनकी बात को वह टाल नहीं सकते थे। उन्होंने कहा कि मेरे चुनाव लड़ने से ज्यादा जरूरी प्रदेश की जनता को इस भ्रष्ट कांग्रेस सरकार से मुक्ति दिलाना है। उन्होंने कहा कि अमित शाह के फोन के बाद उसी जनता के बीच बुधवार को गया जिनके कहने पर नामांकन दाखिल किया था। जनता ने भी मेरी भावनाओं को समझा और उनके आदेश से नामांकन वापस लिया है। बीजेपी ने इस बार विधानसभा चुनाव में झोटवाड़ा सीट पर पूर्व प्रत्याशी राजपाल सिंह शेखावत की जगह जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाया है। शेखावत के बगावत करने के बाद झोटवाड़ा सीट बीजेपी प्रत्याशी कर्नल राज्यवर्धन के लिए राह मुश्किलों वाली हो गई थी, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राठौड़ की राह को आसान कर दिया। शेखावत यहां से 2008 और 2013 में विधायक चुने गए थे और वसुंधरा सरकार में यूडीएच जैसा बड़े महकमे का जिम्मा संभाला था।
बीजेपी ने धन सिंह रावत को मैदान में उतारा है
इसके अलावा बांसवाड़ा सीट से बीजेपी से बागी हकरू मईडा ने भी अपना नाम वापस ले लिया। अब इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। बांसवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस ने मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया और बीजेपी ने धन सिंह रावत को मैदान में उतारा है। हकरू मईडा यहां से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने भी प्रदेश नेतृत्व की समझाइश के बाद नाम वापस लिया है। इनके अलावा बाड़ी सीट से विष्णु सिंघल और सिविल लाइंस से रणजीत सिंह सोडाला ने भी नाम वापस ले लिए।
आक्या, यूनुस अभी भी चुनौती
हालांकि सबके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के लिए अभी कई सीटों पर बागी प्रत्याशियों की चुनौती बनी हुई है। इनमें चित्तौड़गढ़ सीट पर चंद्रभान सिंह आक्या, डीडवाना सीट पर पूर्व मंत्री यूनुस खान, सवाई माधोपुर सीट पर आशा मीणा और शिव विधानसभा सीट पर हाल ही में पार्टी में शामिल हुए रविंद्र सिंह भाटी चुनाव मैदान में बने हुए हैं। यह चारों चेहरे पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं। कांग्रेस के रामेश्वर दाधीच ने नाम तो वापस लिया, लेकिन खुश अभी भी नहीं है।
सूरसागर सीट से टिकट मांग रहे थे दाधीच
उधर कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बनी जोधपुर की सूरसागर सीट पर जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने नाम तो वापस ले लिया, लेकिन पार्टी की ओर से टिकट काटे जाने को लेकर वह अभी भी खुश नहीं है और उनकी बातों से यह संकेत मिल रहा है कि वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। रामेश्वर दाधीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी नेताओं में गिने जाते थे और सूरसागर सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने यहां प्रत्याशी रह चुके अयूब खान के बेटे शाहबाज खान को टिकट दे दिया। इसके विरोध में रामेश्वर दाधीच ने बागी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया था, लेकिन गुरुवार को उन्होंने नाम वापस ले लिया।
मेरे नामांकन भरने से बीजेपी में ज्यादा चिंता थीः दाधीच
मीडिया से बातचीत में दाधीच ने यह साफ नहीं किया कि वह पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में नाम वापस ले रहे हैं। उन्होंने कहा मेरे समर्थकों के कहने पर मैंने नामांकन भरा था और उन्हीं के कहने पर नाम वापस लिया है। बताया जा रहा है कि उनके नामांकन भरने से बीजेपी में ज्यादा चिंता थी क्योंकि वह सीट पर बने रहते तो हिंदू वोट डिवाइड हो सकते थे। अब यह संभावना खत्म हो गई है। ऐसे में रामेश्वर दाधीच ने नाम भले ही वापस ले लिया हो लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चिंता बनी हुई है। हालांकि, पार्टी को अन्य सीटों पर राहत जरूर मिली है। इनमें फलोदी से कुंभ सिंह, बड़ी सादड़ी से पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी, झालरापाटन से शैलेंद्र यादव, हवामहल से गिरीश पारीक, अजमेर दक्षिण से हेमंत भाटी और मसूदा से ब्रह्मदेव कुमावत के भी नाम वापस लेने की सूचना है।