BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच बयानबाजी हुई। अब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था, उन्होंने ऐसा क्यों कहा मैं नहीं जानता। मैंने कमलनाथ को सपा को 4 सीटें देने के लिए कहा था जबकि सपा 4 सीटें मांग रही थी।
'हम उनके लिए 4 सीटें छोड़ सकते थे'
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरी समाजवादी पार्टियों के नेताओं से बातचीत हुई थी। वे पिछले चुनाव में 1 सीट जीते थे और 2 पर दूसरे नंबर पर आए थे। वे 6 सीटें मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए 4 सीटें छोड़ सकते थे।
दिग्विजय सिंह ने की बहस कम करने की कोशिश
दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये ठीक है गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना झगड़े होते रहते हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि सपा और अखिलेश कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे।’ पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं करने के लिए सपा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने के बाद, गठबंधन के मुद्दे पर मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा था कि छोड़िए अखिलेश-वखिलेश।
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'ऐसी प्रतिक्रियाओं से बचना चाहिए'
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने (कमलनाथ ने) ऐसा कैसे कहा। इंडिया गठबंधन के किसी नेता के बारे में ऐसी प्रतिक्रियाओं से बचना चाहिए। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने दीप नारायण यादव के नेतृत्व वाले सपा नेताओं के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस नेता अशोक सिंह को मेरे पास भेजा था। इस कमरे में (भोपाल में उनके निवास पर) हमारी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सपा एक सीट बिजावर (2018 के चुनावों में) बुंदेलखंड क्षेत्र में जीती थी और 2 अन्य सीटों पर वो दूसरे नंबर पर थी। सपा 6 सीटें चाहती थी और मैंने कमलनाथ को सपा के लिए 4 सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था।