गहलोत और सचिन में दिखाई दी अजीब होड़, सचिन बोले- सोनिया की अवमानना करने वालों की भी टिकट के लिए पैरवी की

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Jitendra Shrivastava
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गहलोत और सचिन में दिखाई दी अजीब होड़, सचिन बोले- सोनिया की अवमानना करने वालों की भी टिकट के लिए पैरवी की

JAIPUR. राजस्थान में कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं के पार्टी हित के लिए सब कुछ 'भूल' जाने होड़ दिखाई दी। गुरुवार दिन में जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव में एकजुटता दिखाने के लिए पायलट समर्थकों के टिकट का विरोध नहीं करने की बात कही तो शाम होते-होते सचिन पायलट ने भी कह दिया कि जिन लोगों ने सोनिया जी की अवमानना की मैंने पार्टी के हित को देखते हुए उनके टिकट का विरोध नहीं किया। हालांकि, सरकार बनने पर सीएम कौन बनेगा इसे लेकर सचिन ने सॉफ्टर पर कहा कि जो पार्टी आलाकमान तय करेगा वही सीएम बनेगा।

हमारे बीच की प्यार-मोहब्बत मिसाल बन चुकी है

दौसा में शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की सभा है और इस सभा की तैयारी का जायजा लेने दोसा पहुंचे सचिन पायलट से जब मीडिया ने सवाल किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बार-बार मानेसर का मुद्दा उठाए जाने के बाद पूछी तो उन्होंने कहा- मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि हमारे बीच की प्यार-मोहब्बत मिसाल बन चुकी है। सीएम फेस पर पायलट ने कहा- सभी मिलकर तय करेंगे कि कौन सीएम बनेगा। उन्होंने कहा- जहां तक टिकट की बात है, जो पिछले साल घटनाक्रम हुआ, उसमें कुछ लोगों पर पार्टी में अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे। लेकिन, जीतने वाले जिन भी दावेदारों के प्रपोजल आए, उनका मैंने खुले मन से स्वागत किया। चाहे उस समय सोनिया गांधी की अवमानना किसी ने की हो। फिर भी मैंने कहा- पार्टी हित में जो भी हो, उसे टिकट मिलना चाहिए। मैंने एक भी दावेदार का विरोध नहीं किया और प्यार-मोहब्बत का इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता। गौरतलब है कि दिन में दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कुछ ऐसी ही बात कही थी और बोले थे कि जो लोग मानेसर गए थे उनके टिकट भी क्लियर हो रहे हैं मैंने एक भी टिकट का विरोध नहीं किया। हमारे प्यार मोहब्बत का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है।

कौन किस पद पर कब तक रहेगा, यह हाईकमान तय करेगा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सीएम पद पर दावेदार जेठानी संबंधी सवाल पर पायलट ने कहा कि मुझे इस कॉन्फ्रेंस की जानकारी नहीं है। लेकिन, कौन किस पद पर कब बैठता है, इसका निर्णय कांग्रेस लीडरशिप करता है। कांग्रेस अध्यक्ष, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तय करते हैं कि कौन नेता किस पद पर सरकार या संगठन में काम करेगा। पार्टी नेतृत्व जो भी निर्णय करेगा, वह सबको स्वीकार होगा।देश के किसी भी राज्य में चुनाव होते हैं तो सामूहिक नेतृत्व रहता है और चुनाव के बाद कांग्रेस हाईकमान नेता सदन तय करता है। एआईसीसी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा- चुनाव के बाद विधायक और हाईकमान तय करेंगे कि 2023 में सीएम कौन बनेगा।

बहुत जल्द लिस्ट भी सामने आ जाएगी

पायलट ने कहा कि 2018 में मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था। पार्टी के सभी नेताओं ने मिलकर मेहनत की और सरकार बनाई। आज भी सभी नेता मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। पायलट ने कहा कि बीजेपी ने अभी सिर्फ 40 टिकट बांटे हैं, लेकिन 80 झगड़े हो गए। इससे साफ होता है कि बीजेपी में अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है। मैं उस पर कमेंट नहीं करना चाहता, लेकिन कांग्रेस पार्टी पूरी तरह एकजुट होकर चुनाव लड़ने जा रही है। सभी नेताओं ने सकारात्मक माहौल में चर्चा कर प्रत्याशी चयन किए हैं, बहुत जल्द लिस्ट भी सामने आ जाएगी। पायलट ने यह भी कहा- मैंने जो मुद्दे उठाए थे, उन्हें पार्टी ने स्वीकार किया है और एआईसीसी ने भी आगे कदम उठाने की बात कही थी। सभी ने मिलकर पार्टी के लिए काम किया है और लेकिन मैं कह देना चाहता हूं जनता की आवाज को नहीं दबाया जा सकता।

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