अरुण तिवारी, BHOPAL. कांग्रेस में उम्मीदवारों के ऐलान के बाद शुरू बगावत अपनी हदें पार करती जा रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ में ही बागवत की लपटें उठ गई हैं। चौरई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के किसान नेता बंटी पटेल ने निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में पर्चा दाखिल कर नई सनसनी पैदा कर दी है। कमलनाथ के गढ़ में उनके ही खिलाफ ये सबसे बड़ी बगावत मानी जा रही है। बंटी पटेल ने दल-बल के साथ अपना पर्चा दाखिल किया। इसे एक तरह से उनके शक्ति प्रदर्शन के रुप में भी देखा जा रहा है।
मुश्किल में कांग्रेस
चौरई विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस अब मुश्किल में आ गई है। यहां से टिकट की दावेदारी कर रहे बंटी पटेल अब खुलकर मैदान में आ गए हैं। कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक सुजीत चौधरी को ही उम्मीदवार बनाया है। इससे नाराज होकर बंटी पटेल ने निर्दलीय पर्चा भर दिया। बंटी पटेल कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते रहे हैं और उनको कमलनाथ का समर्थक भी माना जाता था। कुछ महीने पहले बंटी पटेल ने धार्मिक कथा कराकर अपनी मजबूत दावेदारी पेश की थी। इस कथा में बड़े पैमाने पर लोग जुटे थे। इसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि इस बार बंटी को मौका मिलेगा। लेकिन उनके हाथ खाली रहे और सुजीत चौधरी को फिर से टिकट दे दिया गया। बंटी को मनाने के लिए कांग्रेस जुट गई है। बंटी ने कहा कि वे अपने समर्थकों की बात मानेंगे। यदि उनके समर्थक चाहेंगे तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस की कोशिश है कि बंटी अपना पर्चा वापस ले लें। बंटी पटेल 2020 में अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों के मुआवजे की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन में एसडीएम को कालिख पोतने के मामले के बाद अचानक सुर्खियों में आए।
यहां बीजेपी भी मुश्किल में
कुछ ऐसा ही हाल बीजेपी का भी है, यहां पर इस बार प्रहलाद पटेल के समर्थक कहे जाने वाले जिला पंचायत सदस्य लखन वर्मा को प्रत्याएशी बनाया गया है, ऐसे में प्रबल दावेदार माने जा रहे 3 बार के विधायक रहे पंडित रमेश दुबे का टिकट काट दिया गया है, जिसको लेकर उनके हजारों समर्थकों ने यहां आगामी रणनीति बनाई है, जिसके बाद रमेश दुबे के निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। वहीं यहां से दुबे यदि चुनाव नहीं लड़ेंगे तो उनका कोई समर्थक चुनाव मैदान में उतर सकता है।
खरगापुर में अजय यादव ने भरा पर्चा
वहीं खरगापुर में भी कांग्रेस के बागी नेता और मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष रहे अजय यादव ने भी अपना पर्चा दाखिल कर दिया है। अजय यादव यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतर गए हैं। यादव ने कहा कि यहां की जनता बदलाव चाहती है। यहां के लोग बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों से निराश हैं। भ्रष्टाचार और आतंक से मुक्ति चाहते हैं। यही उनकी प्राथमिकता रहेगी।