BHOPAL. न्यू पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों में रोष बढ़ता ही जा रहा है। शहर-शहर धरने प्रदर्शन हो चुके हैं और अब कर्मचारी महाहड़ताल के लिए वोटिंग भी करचुके हैं। बावजूद इसके सैकड़ों कर्मचारियों से जुड़े न्यू पेंशन स्कीम की राशि में गफलत के मामले की जांच डेढ़ साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। क्राइम ब्रांच में इस गड़बड़ी की शिकायत जून 2022 में हुई थी।
2 मर्तबा हो चुके फरियादी के बयान
बता दें कि एनपीएस में वेतन से कटने वाली राशि में गड़बड़ी को लेकर मप्र कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने बीते साल मार्च में पीएमओ और सीएम कार्यालय को शिकायत भेजी थी। जून महीने में इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। जिसके बाद अभी तक फरियादी के दो मर्तबा बयान हो चुके हैं लेकिन इसके बाद जांच थम सी गई। कानूनी जानकार कहते हैं कि यदि इसी गति से जांच चली तो 5 साल में भी पूरी नहीं हो पाएगी।
साढ़े 4 लाख कर्मचारी हैं एनपीएस के दायरे में
शिकायतकर्ता अशोक पांडे के मुताबिक एनपीएस के दायरे में 4 लाख 44 हजार कर्मचारी आते हैं। इनके वेतन से हर माह 10 फीसदी राशि काटी जा रही है। 10 साल से यह राशि हर माह एक निजी कंपनी के खाते में जाती है। लेकिन सैकड़ों कर्मचारियों के पेंशन खातों में यह राशि जमा नहीं हुई है। सरकार भी इस राशि में 14 फीसदी का अंशदान मिलाती है। दावा है कि एनपीएस में जमा राशि को शेयर बाजार में लगाया जाता है और बाजार में नुकसान होने पर कर्मचारी की जमा राशि में कटौती कर ली जाती है। जिसकी जानकारी कर्मचारी तक नहीं पहुंच पाती।
ठंडे बस्ते में डाल दी गई जांच
शिकायतकर्ता का कहना है कि क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी ने डेढ़ महीने में दो मर्तबा उनक बयान लिए। फिर 4 माह बाद शिकायतकर्ता ने सीएम हाउस चिट्ठी भेजकर जांच से अवगत कराए जाने का आग्रह किया था। इसके बाद से जांच ठंडे बस्ते में जा चुकी है।