RATLAM. पीएम मोदी एक जनसभा को संबोधित करने रतलाम पहुंचे। यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए एक बड़ा दावा किया। पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश में भी बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। 3 दिसंबर को जब परिणाम सामने आएंगे तो पूरा मध्यप्रदेश बीजेपी सरकार की वापसी का जश्न मनाएगा और लड्डू के साथ-साथ रतलामी सेव भी खाएगा। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि 'रतलाम आए और रतलामी सेव नहीं खाया तो उसे रतलाम में आना नहीं माना जाएगा'।
दुनियाभर में मशहूर रतलामी सेव
खानपान की बात हो और मालवा का जिक्र न आए ऐसा तो संभव ही नहीं है। मप्र का मालवा क्षेत्र अपने अनोखे स्वाद के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां ऐसे कई व्यंजन मिलते हैं जिन्हें काफी पसंद किया जाता है। मालवा का रतलामी सेव भी इन्हीं में से एक है जो अपने तीखे स्वाद के लिए काफी मशहूर है। ये भारत के सबसे लोकप्रिय नमकीन स्नैक में से एक है, जो एक लोकप्रिय तला हुआ और कुरकुरा स्नैक है जिसे बेसन, लौंग, काली मिर्च और अन्य मसालों के साथ बनाया जाता है। विशेष मसाले मिश्रण के साथ यह मसालेदार बनता है और एक अनूठा स्वाद देता है।
200 साल पुराना इतिहास
देश ही नहीं दुनियाभर में मशहूर रतलामी सेव का इतिहास करीब 200 साल पुराना है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इसकी जड़े आदिवासियों और मुगलों से जुड़ी हुई हैं। बात 19वीं सदी की है, जब कुछ मुगल शाही परिवार के लोग रतलाम आए थे। इस दौरान उन्हें सेवइयां खाने की इच्छा हुई, जो गेहूं से बना करती है। लेकिन उस समय रतलाम में गेहूं नहीं उगाया जाता था, क्योंकि उस समय ये अमीरों का खाना हुआ करता था। ऐसे में गेहूं ना होने के कारण मुगलों ने वहां रहने वाली भील जाति के आदिवासियों को बेसन से सेवइयां बनाने को कहा और इस तरह रतलामी सेव की शुरुआत हुई।