BHOPAL. संसद के विशेष सत्र की अधिसूचना जारी होने के साथ ही देशभर में एक देश- एक चुनाव और समय पूर्व लोकसभा चुनाव चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। राजनीतिक विश्लेषक और बड़े- बड़े माडिया हाउस भी यही संभावना जताने लगे थे कि अर्ली इलेक्शन हो सकते हैं। इन कयासों के बीच TheSootr पहला मीडिया हाउस रहा, जिसने इस संभावना को पूरी तरह से नकारते हुए अपने पाठकों को बताया कि लोकसभा के चुनाव समय से ही होंगे। साथ ही उन कारणों को भी बताया कि क्यों मोदी सरकार समय पूर्व इलेक्शन नहीं करवाएगी।
देखिए द सूत्र की खबर
द सूत्र ने पूरे तथ्यों के साथ यह साफ किया था कि मोदी हैं तो ये कैसे नामुमकिन है…
द सूत्र ने अपनी रिपोर्ट में बताय था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति के वो खिलाड़ी हैं जो आखिरी गेंद तक मैदान नहीं छोड़ना चाहते। उनके करीबियों का मानना है कि मिनट का सौंवा हिस्सा भी यदि काम करने का बाकी है तो मोदी उसमें सौ फाइलें साइन करने की कोशिश करेंगे। ऐसे में वक्त से पहले सत्ता छोड़कर चुनाव में जाना संभव ही नहीं। यहां आपको मोदी तो नामुमकिन वाले नारा याद रखना होगा।
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यह थे वो कारण जो समय पूर्व चुनाव की संभावना को नकारते हैं
1 - विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार
भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार करेगी। राज्यों में उसकी हालात बहुत ठीक नहीं है। मध्यप्रदेश में पार्टी एंटी इंकम्बैंसी और चेहरे की चिंता में है। राजस्थान में भी अभी तक कोई चेहरा तय नहीं है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने अपने कामों से बढ़त बना रखी है। ऐसे में पार्टी का पूरा जोर इन तीन बड़े राज्यों में सत्ता वापसी पर रहेगा। इन राज्यों से अभी लोकसभा में बीजेपी के पास 64 सीटें हैं। ऐसे में इनकी मजबूती जरूरी।
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2 - राममंदिर के जरिये हिंदुत्व का परचम
जनवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में अयोध्या में राममन्दिर का लोकार्पण होना है। ये बीजेपी का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा। इसके जरिये वो देश में हिन्दू वोटर्स को एकतरफा पक्ष में करने का माहौल बना सकती है। जनवरी में मंदिर के लोकार्पण के पहले चुनाव का बिगुल बजना नामुकिन है। ये मुद्दा 2024 जीतने का सबसे बड़ा शस्त्र है। बीजेपी इसे कैसे आसानी से गंवा देगी।
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3 - बजट के जरिये योजनाओं को पैसा
2024 का बजट मार्च में पेश होना है। सरकार तेजी से योजनाएं ला रही है। इन योजनाओं की मंजूरी बजट के बिना संभव नहीं। ऐसे में सरकार बजट पेश करने के बाद ही चुनाव में जाएगी। बहुत तो बजट जनवरी में पेश करके सरकार मार्च में चुनाव का ऐलान कर दे।
4 - विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में टूट की उम्मीद
बीजेपी विपक्षी गठबंधन को लेकर सतर्क है। अभी उसका पूरा आकार सामने नहीं आया है। एक तो बीजेपी उसका इंतजार करेगी। दूसरा उसमें टूट की उम्मीद करेगी। मायावती ने फिलहाल विपक्षी गठबंधन में शामिल होने से इंकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी बहुत स्पष्ट नहीं है। सबसे बड़ा चेहरा बने बैठे पवार राज्य में बीजेपी के साथ खड़े दिख रहे हैं। ऐसे में बीजेपी विपक्ष रणनीति को तोड़ने पर फोकस करेगी। उसके बाद ही चुनाव में जाएगी।
5 - समान नागरिक संहिता बिल
बीजेपी राममंदिर के माहौल में समान नागरिक संहिता बिल को बजट सत्र में सदन में लाने की कोशिश करेगी। रणनीतिक रूप से वो इस बिल को सदन में रखकर छोड़ देना चाहेगी। विपक्ष इसके खिलाफ आवाज बुलंद करेगा। बीजेपी देश को ये बताने की पूरी कोशिश करेगी कि एक मौका दीजिए मंदिर के बाद समान नागरिक संहिता भी लागू करेंगे।