गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत केवल 0.81 प्रतिशत कम हुआ है, लेकिन भाजपा के वोट प्रतिशत में 13.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह वोट प्रतिशत दर असल तीसरे मोर्चे का है। इस बार तीसरा मोर्चा औंधे मुह गिरकर महज 5 प्रतिशत वोट शेयर पर आकर टिक गया है, जबकि पिछले 2018 के चुनाव में यह वोट प्रतिशत 15 था। पिछले चुनाव में तीसरे मोर्चे के तौर पर जोगी कांग्रेस और बसपा के गठबंधन ने 7 सीटें हासिल कर तीसरी ताकत को एक नई संभावना दिखाई थी, लेकिन इस बार 80 से अधिक सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बाद भी जोगी कांग्रेस ढह गई।
इस बार जेसीसीजे को 1.23 प्रतिशत वोट मिले
2018 में जोगी कांग्रेस यानी जेसीसीजे को 7.8 प्रतिशत वोट मिले थे, इस बार महज 1.23 प्रतिशत ही वोट मिले हैं। यानी 6.57 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। पिछली बार पार्टी पांच सीटों पर जीतकर आई थी। उस समय पार्टी के सुप्रीमो अजीत जोगी मरवाही से, डॉ. रेणू जोगी कोटा से, धरमजीत सिंह लोरमी से, प्रमोद शर्मा बलौदाबाजार से, देवव्रत सिंह खैरागढ़ से चुनाव जीतकर आए थे। इस बार भी पार्टी ने 84 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणू जोगी अपनी सीट बचाना तो दूर केवल 8884 वोट ही हासिल कर पाई, जबकि तीन बार से वे कोटा से विधायक रही हैं। पार्टी के अध्यक्ष अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सीट पर ताल ठोंका था। लेकिन उन्हें महज 4822 वोट ही मिले। उनकी पत्नी रिचा जोगी ने अकलतरा से चुनाव लड़ा था और इस बार 16464 पाकर तीसरे स्थान पर रही।
बसपा का वोट लगातार गिरा
बसपा का वोट शेयर इस बार 3.9 से घटकर 2.05 पर आ गया। बसपा ने इस बार 59 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन सभी प्रत्याशी औंधे मुंह गिरे। जबकि पिछली बार दो प्रत्याशी पामगढ़ से इंदू बंजारे और जैजैपुर से केशव चंद्रा जीतकर आए थे। इससे पहले 2013 के चुनाव में भी बसपा ने सभी 90 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए, वोट शेयर 4.27 फीसदी था। साल 2008 के चुनाव में सभी 90 सीटों पर बसपा ने अपने प्रत्याशी उतारे और कुल मतों का 6.11 फीसदी मत मिला। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 54 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए और कुल मतों का 4.45 फीसदी मत मिले।
कांग्रेस का पहली बार वोट प्रतिशत गिरा
छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरा है। 2003 से लेकर 2018 तक हर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 1-2% बढ़ता रहा है। 2003 में 36.71, 2008 में 38.63, 213 में 40.29 2018 में करीब 43 फीसदी था। 2023 में 0.81% वोट शेयर गिरा और 71 सीटों पर काबिज कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई।
बीजेपी के वोट शेयर में दो अंकों की वृद्धि हुई
पहली बार किसी पार्टी को 46.27% वोट मिले हैं। अब तक 43% से भी कम पर सरकार बनती आई है। इसके पहले दो चुनाव में 1% या उससे कम ही वोट शेयर बढ़ा। 2003 में 39.26, 2008 में 40.33, 2013 में 41.04 और 2018 में 32.8 प्रतिशत वोट शेयर रहा। 2018 में 8% वोट शेयर गिरते ही भाजपा 49 से 15 पर आ गई। इस बार भाजपा का वोट शेयर 13.3% बढ़ा, पार्टी 54 सीट से सत्ता में वापस आ गई।
वोट शेयर नहीं तय करते सीटों का आंकड़ा
2023 में भाजपा और कांग्रेस के बीच महज 4.04 प्रतिशत वोटों की अंतर रहा और भाजपा 19 सीटों से आगे निकल गई। 2018 में भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट शेयर में 10.07 प्रतिशत का अंतर था, पर कांग्रेस 53 सीटों से आगे बढ़कर सत्ता में आ गई। 2013 में दोनों पार्टियों के बीच महज 0.75 प्रतिशत वोट का अंतर था। भाजपा के पास कांग्रेस से 10 सीटें अधिक आई थीं।2008में भाजपा को कांग्रेस से 1.7 प्रतिशत वोट अधिक मिले थे। तब 12 सीटों पर भाजपा बढ़कर दोबारा आई सरकार में।2003 में भाजपा ने कांग्रेस से 2.55 प्रतिशत वोट अधिक पाकर सत्ता बनाई थी। तब भाजपा को 13 सीटें अधिक मिली थीं।