अरुण तिवारी, BHOPAL. बीजेपी की दूसरी सूची ने पूरे प्रदेश को चौंकाया है। सात सांसदों को सीधे मैदान में उतारकर पार्टी ने कांग्रेस को भी सकते में ला दिया है। इन सात सांसदों में पांच बड़े चेहरे हैं, जो पूरे प्रदेश पर असर रखते हैं। इनमें तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने बड़े चेहरों को उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेला है। पार्टी संगठन के एक बड़े नेता कहते हैं कि ये चेहरे उनके लिए जीत की गारंटी हैं। ये बड़े नेता सिर्फ उनकी सीट जीतने के लिए उम्मीदवार नहीं बनाए गए बल्कि उम्मीदवारी के जरिए उनको पूरे अंचल की जिम्मेदारी दी गई है। नरेंद्र सिंह तोमर की उम्मीदवारी का असर पूरे ग्वालियर चंबल पर पड़ेगा और वे एक सीट पर बंधे नहीं रहेंगे बल्कि पूरे अंचल पर फोकस करेंगे। तोमर प्रबंधन समिति के संयोजक हैं इसलिए उनकी भूमिका पूरे प्रदेश में भी रहने वाली है। कैलाश को उम्मीदवार बनाकर मालवा-निमाड़ की 66 सीटों का जिम्मा भी सौंपा गया है। प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह जैसे बड़े नेता कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में सेंधमारी कर कांग्रेस को बड़ा डेंट पहुंचा सकते हैं। आदिवासियों को साधने के लिए फग्गन को प्रत्याशी बनाया गया है। पेशाब कांड और चप्पल कांड जैसी घटनाओं ने बीजेपी की किरकिरी कराई है। अब इन पर मरहम लगाने की रणनीति पर काम किया गया है। फग्गन के जिम्मे सभी आदिवासी सीटें की गई हैं। बीजेपी संगठन के मुताबिक इन बड़े नेताओं को अपनी सीट जीतने में कोई मुश्किल नहीं है इसीलिए वे अपने प्रभाव वाले पूरे क्षेत्र पर फोकस कर सकेंगे। आइए आपको बताते हैं कि आखिर इन पांच बड़े चेहरों को क्यों बनाया गया है उम्मीदवार।
नरेंद्र सिंह तोमर :
- ग्वालियर चंबल अंचल का सबसे बड़ा और प्रभावी चेहरा
- तोमर की उम्मीदवारी पूरे अंचल में असर डालेगी
- केंद्रीय नेतृत्व के करीबी और भरोसेमंद चेहरा
- तोमर बीजेपी के साथ-साथ सिंधिया समर्थकों में भी बेहतर तालमेल कर सकते हैं
- दिमनी सीट से सिंधिया समर्थक गिर्राज दंडोतिया को हटाकर तोमर को टिकट देकर जीत पक्की करने की कवायद
- दिमनी में तोमर का जातिगत समीकरण मजबूत
- सीएम पद के प्रमुख दावेदार
- प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक हैं तोमर
कैलाश विजयवर्गीय :
- मालवा अंचल का बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा
- इंदौर के साथ-साथ पूरे मालवा की सीटों पर असर
- इंदौर की तीन सीटों से पहले ही जीत चुके हैं कैलाश
- कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज कैलाश के साथ
- मोदी- शाह के भरोसेमंद चेहरा
- कांग्रेस से सीट वापस लाने के लिए बीजेपी के सबसे मजबूत उम्मीदवार
- पहले पिता की जगह पुत्र आकाश चुनाव लड़े अब पुत्र के बदले पिता चुनाव मैदान में
- कैलाश भी सीएम पद के बड़े दावेदार
प्रहलाद पटेल :
- बीजेपी ने पटेल के सहारे खड़ा किया लोधी नेतृत्व
- ओबीसी वर्ग का भी बड़ा चेहरा हैं प्रहलाद पटेल
- नरसिंहपुर से टिकट देकर उनको गृह क्षेत्र भेजा
- भाई जालम सिंह पटेल का टिकट काटकर प्रहलाद को बनाया उम्मीदवार
- प्रहलाद के अलावा दूसरे उम्मीदवार को होता भितरघात का डर
- सर्वे में जालम की स्थिति कमजोर
- सीट जीतने के लिए प्रहलाद ही एकमात्र विकल्प
- सीएम पद के लिए प्रहलाद के नाम की भी चलती रही चर्चा
राकेश सिंह :
- जबलपुर में बीजेपी के सबसे बड़े नेता
- जबलपुर पश्चिम में कांग्रेस नेता तरुण भनोट को टक्कर देने के लिए बीजेपी को थी बड़े चेहरे की दरकार
- इस सीट से अभिलाष पांडे और प्रभात साहू थे प्रमुख दावेदार
- अन्य किसी को उम्मीदवार बनाने में था भितरघाट का खतरा
- राकेश सिंह को मिलेगा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहने का फायदा
- प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने खड़ा किया है महाकौशल में नेटवर्क
- एक समय राकेश सिंह भी सीएम पद की दावेदारी कर चुके हैं
- जबलपुर से लगातार चार बार सांसद, विवेक तन्खा जैसे कांग्रेस के बड़े लीडर को हराया
फग्गन सिंह कुलस्ते :
- बीजेपी का बड़ा आदिवासी चेहरा
- कुलस्ते के जरिए आदिवासियों में पैठ बढ़ाना चाहती है बीजेपी
- पेशाब कांड ने बीजेपी की किरकिरी हुई इसका डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश
- कुलस्ते कई बार आदिवासी नेतृत्व की मांग उठाते रहे हैं, इससे उनमें नई उम्मीद जगेगी
- कुलस्ते खुद को प्रदेश अध्यक्ष और सीएम पद का दावेदार मानते रहे हैं
- पिछले चुनाव में बीजेपी को आदिवासी सीटों पर बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा था
- केंद्रीय नेतृत्व भी आदिवासी वर्ग को साधना चाहता है इसलिए कुलस्ते को आदिवासी वर्ग का बड़ा चेहरा बनाया है।