BHOPAL. देश में संसद में जिस दिन से महिला आरक्षण विधेयक पास हुआ है। उसी दिन से मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बयानबाजी जारी है। विधानसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र देने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्यप्रदेश में आने से पहले उमा भारती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण पर सकारात्मक संकेत देकर जाएंगे।
प्रधानमंत्री जी गरीबों और पिछड़ों के मसीहा हैं
दरअसल, उमा भारती, महिला आरक्षण विधेयक संसद में पास होने के बाद से ही इसको लेकर मुखर हैं। उनकी मांग है कि सरकार इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण भी जोड़े। अब पीएम के दौरे से पहले उमा भारती ने कहा है कि पीएम पिछड़ों के मसीहा हैं। सोशल मीडिया साइट एक्स पर उमा भारती ने कहा- प्रधानमंत्री जी का भोपाल की धरती पर स्वागत। वह गरीबों एवं पिछड़ों के मसीहा हैं, मुझे यकीन है कि वह महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण पर सकारात्मक संकेत देकर जाएंगे।
उमा पहले भी पीएम मोदी को पत्र लिख चुकी हैं
इससे पहले महिला आरक्षण विधेयक पर अपनी राय रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उन्होंने मांग रखी थी कि 50 प्रतिशत एसटी, एससी और ओबीसी महिलाओं के लिए अलग रखी जाएं। पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में भारती ने मांग की थी कि 50 फीसदी सीटें एसटी, एससी और ओबीसी समुदायों के लिए अलग रखी जाएं। भारती ने विधेयक पारित करने के केंद्र के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम देश की महिलाओं के लिए खुशी की बात है।
मैं अपनी पार्टी को कमजोर नहीं करना चाहतीः उमा भारती
उमा भारती लगातार महिला आरक्षण विधेयक को लेकर सरकार से मांग कर रही हैं कि उसमें संसोधन किया जाए. उन्होंने कहा था कि मैं ना मुख्यमंत्री जी के साथ कोई जुगलबंदी करना चाहती हूं, ना मैं अपनी पार्टी को कमजोर करना चाहती हूं। ओबीसी वर्ग को मैं स्थान दिलाकर रहूंगी। उन्होंने कहा- ओबीसी वर्ग का आरक्षण संशोधन होना चाहिए और संशोधन हो सकता है। 27 प्रतिशत ओबीसी को और एसटी-एससी वर्ग को 22% आरक्षण दिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के समय भी मैंने संशोधन पेश किया था
भारती ने याद दिलाया था कि जब 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने महिला आरक्षण विधेयक सदन में पेश किया था, तब उन्होंने इस विधेयक में एक संशोधन पेश किया था। उन्होंने कहा था, 'मैं संसद सदस्य थी। मैं तुरंत खड़ी हुई और इस विधेयक पर एक संशोधन पेश किया और इस पर आधे से अधिक सदन ने मेरा समर्थन किया। देवेगौड़ा ने संशोधन को स्वीकार कर लिया। उन्होंने विधेयक को स्थायी समिति को सौंपने की घोषणा की।
पार्टी के कई सांसद नाराज थे
उमा भारती ने यह भी याद दिलाया था कि स्थगित होने से पहले सदन में काफी हंगामा हुआ था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि, जब वह सदन के गलियारे में आईं तो उनकी पार्टी के कई सांसद नाराज थे, लेकिन दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी बात ध्यान से सुनी। उन्होंने लिखा था, कट्टर राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद, मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और उनकी पार्टी के सभी सांसद संशोधन के पक्ष में थे।