BHOPAL. भोपाल में मंत्रालय कर्मचारियों की हड़ताल और मंगलवार, 12 सितंबर को सामूहिक अवकाश से सरकार के सारे काम-काज ठप हो गए। बेहद जरूरी कामों के लिए अफसरों को खुद फाइलें उठानी पड़ीं। इसके अलावा प्रदेशभर से आने वाले सरकारी अफसरों और कर्मचारियों को परेशान होते देखा गया। हालांकि, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध करार दिया है और कहा कि मंत्रालय कर्मचारी-अधिकारी संगठन को लेकर काम कर रहे दोनों ही संगठन अवैध हैं। इसलिए सामूहिक अवकाश पर रहने वाले अधिकारी और कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। उधर, इस मौखिक आदेश के बाद दोनों ही दोनों ही संगठन से जुड़े कर्मचारियों में आक्रोश है।
अफसरों के चेंबरों के नहीं खुले ताले
भोपाल स्थित मंत्रालय में मंगलवार को अधिकांश विभागों के कक्षों में अफसरों के चेंबर के ताले नहीं खुले। मंत्रालयीन अधिकारी कर्मचारी संगठन द्वारा की गई हड़ताल और एक दिन के सामूहिक अवकाश सभी परेशान हुए। सबसे ज्यादा परेशानी प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए सरकारी कर्मचारियों को हुई। उन्हें बिना काम के ही या तो लौटना पड़ा या फिर एक रात भोपाल में ही रहना पड़ेगा।
डेढ़ हजार कर्मी हड़ताल पर रहे, सरकारी कामकाज प्रभावित
इन कर्मचारियों ने सोमवार, 11 सितंबर को काले वस्त्र पहनकर विरोध जताया था। साथ ही गेट नंबर एक पर सभा की थी। जिसे मंत्रालय के अफसरों ने गंभीरता से नहीं लिया। जिसके बाद मंगलवार,12 सितंबर को मंत्रालयीन कर्मचारी संगठन के बैनर तले कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर रहे। ये कर्मचारी तो परिसर में मौजूद रहे लेकिन अपनी सीटों पर नहीं पहुंचे और अन्य कर्मचारियों को भी मंत्रालय में जाने से रोकते रहे। कर्मचारी नेता सुभाष वर्मा के मुताबिक करीब डेढ़ हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से सरकार के कामकाज पर असर पड़ा है। इनके अनुसार हड़ताल पूरी तरह से सफल रही है।
जानकारी के अनुसार कई विभागों के अधिकारी कुछ घंटे बैठने के बाद ऑफिस से चले गए। वहीं जीएडी के अफसरों ने मंगलवार के सामूहिक अवकाश को अवैध बताया है और कहा कि अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन में कटौती की जाएगी।