संजय शर्मा, BHOPAL. एजी- 8 वेंचर्स के बिल्डर हेमंत सोनी को सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को तलब किया है। होम बायर्स से लाखों रुपए जमा कराने के बाद भी हेमंत सोनी ने मकान बनाकर नहीं दिया और खुद को दिवालिया घोषित कराया था। यह पहला मामला है जब प्रदेश के किसी बिल्डर को सुप्रीम कोर्ट में तलब किया गया हैं। वहीं कॉलोनाइजर और बिल्डर्स के इस गोलमाल पर पहले रेरा और अब सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई प्रदेश ही नहीं देश भर में नजीर बनने जा रही है। इस मामले में सोसाइटी ने सीबीआई जांच की भी अपील सुप्रीम कोर्ट में की है।
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की दलीलों को नकारा
आकृति एक्वा सिटी कंजूमर एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा एजी-8 वेंचर्स के हेमंत सोनी और अन्य के विरुद्ध चल अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोनी की और से वकील पक्ष रखा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की दलीलों को सुनकर नकार दिया है। बिल्डर हेमंत सोनी और अन्य साथियों द्वारा आदेश को अनदेखी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया है। वकीलों की दलीलों को सुनने से इंकार कर हेमंत सोनी को 16 फरवरी को कोर्ट के सामने हाजिर होने की हिदायत दी है। कोर्ट ने कहा जिसने अवमानना की है वह स्वयं हाजिर हो, यदि नहीं आते-पालन नहीं करते तो हमें पता है क्या करना है। वकीलों ने कहा की पालन करेंगे। तब कोर्ट ने तल्खी से कहा पालन करोगे नहीं, करना ही होगा। नहीं करोगे तो हमें पता है उसे कहा भेजना है।
साजिश रची और सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं माना
लाखों रुपए लेने और मकान बनाकर नहीं देने की शिकायत रेरा में शिकायत पहुंचने के बाद एजी-8 वेंचर्स की आकृति एक्वा सिटी सहित अन्य प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया था। 2021 में रजिस्ट्रेशन रद्द होते ही हेमंत सोनी ने डीबी कॉर्प के मदद से स्वयं को दिवालिया घोषित करने की साजिश रची एनसीएलटी इंदौर से इसमें आदेश कराने में भी कामयाब रहा। लेकिन आकृति एक्वा सिटी कंजूमर एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी और रेरा ने इसके विरुद्ध एनसीएलईटी दिल्ली में अपील कर दी थी जहां हेमंत सोनी और डीबी कॉर्प दी दलीलें टिक नहीं पाई और इंदौर एनसीएलटी के आदेश को निरस्त कर दिया गया था। इसी मामले में आकृति एक्वा सिटी कंजूमर एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 2022 में इस याचिका पर कोर्ट ने बिल्डर हेमंत सोनी को समय पर मकान बनाकर नहीं देने पर होम बायर्स को ब्याज सहित रुपए लौटाने का आदेश दिया था।
रजिस्ट्रार- बैंक शाखा प्रबंधकों की भूमिका पर भी सवाल
आकृति एक्वा सिटी कंजूमर एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य और याचिका दायर करने वाले भानू यादव ने बताया की सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर्स द्वारा आदेश की अवमानना पर कड़ा रुख दिखाया है। बिल्डर हेमंत सोनी ने रेरा द्वारा रजिस्टेशन रद्द करने और नए अलॉटमेंट पर रोक लगाने के बाद भी 122 से ज्यादा रजिस्ट्रियां की हैं। इन रजिस्ट्री का रिकॉर्ड भी छिपाया गया है क्योंकि इनमे बड़ी संख्या सोनी के रिश्तेदारों और बिल्डर कंपनी के लोगों की है। सोसाइटी ने बिल्डर द्वारा की गयी साजिश की सीबीआई जांच की अपील भी की है। क्योंकि रेरा द्वारा रोक लगाने के बाद भी रजिस्ट्रार ने किस आधार पर रजिस्ट्रियां कर दीं और बैंकों ने भी बंधक होने पर भी भूखंडों के लिए एनओसी जारी कर दी। इस पूरे गड़बड़झाले में बिल्डर्स के साथ सरकारी सिस्टम के भी शामिल होने की जांच जरूरी हैं और हमें उम्मीद है की सुप्रीम कोर्ट इसके आदेश देगा।