मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के साथ ही मौजूद बीजेपी सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के समय विभिन्न बोर्ड निगमन और विभागों आदि में की गई राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही जिन विभागों में गैर सरकारी सदस्यों की सलाहकार के रूप में नियुक्तियां की गई थी या सेवाएं ली जा रही थी उन्हें भी रद्द कर दिया गया है। प्रशासनिक सुधार विभाग ने रविवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश की भजनलाल सरकार अब पूरी तरह एक्शन मोड में आती दिख रही है। रविवार को दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक अहम आदेश पर हस्ताक्षर कर गए जिसमें गहलोत सरकार में कई गई तमाम राजनीतिक नियुक्तियों को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।
74 बड़े नेताओं को नियुक्ति दी गई थी
पिछली गहलोत सरकार ने राज्य स्तर पर बोर्ड-आयोगों में चेयरमैन सहित करीब 600 से ज्यादा नियुक्तियां की थी एवं जिला स्तर पर कमेटियों में करीब 7 हजार से ज्यादा नियुक्तियां की गई थी। इसके अलावा जाते वक्त गहलोत सरकार ने विभिन्न जाति समुदयो के बोर्ड भी बनाए थे। हालांकि, इनमें से ज्यादातर में नियुक्तियां नहीं हो पाई थी। गहलोत सरकार में जो राज्य स्तरीय बोर्ड-आयोग बनाए थे उनमें 74 बड़े नेताओं को नियुक्ति दी गई थी। करीब 30 से अधिक विधायकों को आयोग-बोर्ड में लगाया गया।
बोर्ड या निगम में नियुक्तियों की अवधि 3 वर्ष होती है
अब क्योंकि यह बोर्ड निगम आयोग आदि सब खाली हो गए हैं ऐसे में इनमें अब भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को नियुक्तियां दी जाएगी, हालांकि यह काम कितने दिन में किया जाता है इस पर भी नजर रहेगी क्योंकि ज्यादातर बोर्ड या निगम आयोग में होने वाली नियुक्तियों की अवधि 3 वर्ष की होती है ऐसे में यदि समय पर नियुक्तियां की जाएं तो सरकार एक ही कार्यकाल में एक पद पर दो कार्यकर्ताओं को नियुक्त देकर संतुष्ट कर सकती है। हालांकि, ज्यादातर सरकारें अपने कार्यकाल के मध्य में या अंतिम समय में ही नियुक्तियां देती आई हैं।