याज्ञवल्क्य। Raipur. शराब घोटाला मामले में ईडी ने अरविंद सिंह को समंस के जरिए बुलाया है। ईडी अरविंद सिंह से पूछताछ के बाद उनका बयान दर्ज कर रही है। ईडी ने PMLA की धारा 50 के तहत अरविंद सिंह को समन भेजा था। पंक्तियों के लिखे जाने तक ईडी ने गिरफ्तारी नहीं की है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर पर वापस लिया है आवेदन
अरविंद सिंह उन 7 व्यक्तियों में शामिल हैं जिनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस याचिका में पीएमएलए की धारा 50 को चुनौती दी गई है। इस याचिका के साथ ईडी की संभावित कार्रवाई से बचने आवेदन दिया गया था जिसमें अंतरिम राहत की याचना थी। शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं और आवेदनों पर खिन्नता जाहिर की थी और गहरी अप्रसन्नता जताई थी। जिसके बाद आवेदन वापस ले लिए गए, हालाँकि याचिका लंबित है।
अरविंद सिंह से पूछताछ जारी अभी गिरफ्तारी नहीं
अरविंद सिंह से प्रवर्तन निदेशालय रायपुर के पचपेड़ी स्थित कार्यालय में पूछताछ कर रहा है। इस पूछताछ के साथ ही अरविंद सिंह का कथन भी दर्ज किया जा रहा है। ईडी को यदि इस स्टेटमेंट रिकॉर्ड के बाद आवश्यक लगेगा तो वह अरविंद सिंह को गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन पंक्तियों के लिखे जाने तक गिरफ्तारी नहीं की गई है। यह भी सही है कि बहुत संभावना है कि अरविंद सिंह को ईडी गिरफ्तार कर ले, लेकिन फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है।
- ये भी पढ़े...
क्या है शराब घोटाला
ईडी ने कोर्ट में जो जानकारी दी है उसके अनुसार राज्य सरकार के द्वारा संचालित शराब दुकानों में नकली होलोग्राम के साथ शराब सप्लाई की गई। इस पूरे चेन में किंगपिन की भूमिका अनवर ढेबर की थी। इस से राज्य सरकार को सीधे तौर पर करीब दो हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। ईडी ने शराब घोटाला में शुरुआती रिमांड नोट में बताया है कि सबसे ज्यादा हिस्सा पॉलिटिकल बॉस को गया। अनवर ढेबर को इससे एक निश्चित प्रतिशत प्राप्त होता था। सीएसएमसीएल याने वह कार्पोरेशन जो कि, डिस्टलर से लेकर शराब से जुड़ा हर अहम काम
तय करता था वहाँ बतौर एमडी एपी त्रिपाठी की नियुक्ति थी। ईडी ने अनवर ढेबर के साथ जिन्हे गिरफ्तार किया है उनमें एपी त्रिपाठी भी शामिल हैं।