इंदौर में बारिश होते ही सड़कें बनी तालाब, ट्रैफिक जाम; निगम और अधिकारियों के दावे हर बार की तरह फिर हुए फेल

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर में बारिश होते ही सड़कें बनी तालाब, ट्रैफिक जाम; निगम और अधिकारियों के दावे हर बार की तरह फिर हुए फेल

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में बारिश का लंबे समय से इंतजार था, लेकिन बारिश होते ही अधिकारी और नगर निगम असहाय नजर आया। एक इंच से भी कम बारिश में पूरा शहर हालाकान हो गया, हर चौराहा जाम में था क्योंकि सड़कें तालाब बन गई थी। सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया था। खासकर पूर्वी इंदौर विजयनगर, एलआईजी, एबी रोड की हालत खराब हो गई थी। 



हर जगह रह-रहकर लगता रहा जाम



खजराना चौराहे पर निर्माणाधीन ओवर ब्रिज के चलते हालात खराब हो गई, तालाब का पानी भी सड़क पर आ गया। हर जगह रह-रहकर जाम भी लगता रहा। इस बारिश के हाल के बाद तय है कि इस बार भी शहर की सडकों का तालाब बनना तय है और खासकर जहां निर्माण काम हो रहे हैं, वहां पर ट्रैफिक बदहाल होने वाला है। बीती बारिश के अनुभव के बाद भी निगम ने कुछ नहीं सीखा है। 



यह रहा बारिश का हाल



इंदौर में अभी तक जून में नाममात्र बारिश हुई, सामान्य तौर पर पांच से छह इंच तक बारिश हो जाती है। लेकिन इस बार 1 इंच भी नहीं हुई है। पूर्वी क्षेत्र के गांधी प्रतिमा, पलासिया, कनाडिया, विजय नगर आदि हिस्सों में बारिश शुरू हुई जबकि पश्चिम क्षेत्र के राजाबाडा, मालगंज, मल्हारगंज सहित कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। जगह जगह सड़कों पर पानी नदी के समान भर गया टू व्हीलर फोर व्हीलर यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 



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आज पहली बारिश में शहर बदहाल हो गया



कलेक्टर ऑफिस से लेकर मां हरसिद्धि मंदिर तक नगर निगम द्वारा आदर्श मार्ग घोषित किया गया है। उसके बावजूद भी नदी से पानी भरा गया है। जबकि प्रतिदिन महापौर और कमिश्नर अल सुबह शहर का दौरा भी करते हैं लेकिन किसी ने भी शहर के जल जमाव की स्थिति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया और आज पहली बारिश में शहर बदहाल हो गया। इसके पूर्व 4 और 8 जून को बारिश हुई थी। इन दोनों दिनों को मिलाकर जून में केवल 2.7 मिमी बारिश ही दर्ज की गई थी। 



मौसम विभाग का अनुमान



मौसम केंद्र, भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक एचएस पांडे के अनुसार मानसून जबलपुर, शहडोल, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, बैतूल, सिवनी, मंडला, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, बालाघाट, नरसिंहपुर और अनूपपुर में पहले आ सकता है। तीन दिन के भीतर यानी 25 जून या इससे पहले मानसून दस्तक दे सकता है। इसके बाद अरब सागर की ओर से आ रहे मानसून की एक्टिविटी शुरू होगी। सीनियर मौसम वैज्ञानिक पांडे ने बताया कि पूर्वी क्षेत्र की ओर से मानसून तेजी से बढ़ रहा है। 2 से 3 दिन में यह मध्यप्रदेश में एंटर हो सकता है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत प्रदेशभर में अगले 72 घंटे में मानसून पहुंच जाएगा। हालांकि, इंदौर आने में इसे 29 या 30 जून हो सकता है।


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