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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में पलासिया चौराहे पर गुरुवार रात को पुलिस और बजरंग दल के बीच हुए विवाद के बाद पुलिस ने पहले बजरंग दल के 250 अज्ञात कार्यकर्ताओं पर बलवा व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। इस मामले में पलासिया टीआई लाइन अटैच हो चुके हैं और डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया का लूपलाइन में ट्रांसफर हो चुका है। अब बजरंग दल संगठन यहीं नहीं रुका है, उन्होंने शनिवार शाम को पलासिया थाने पहुंचकर डीसीपी भदौरिया के साथ ही एसीपी पूर्ति तिवारी, टीआई पलासिया संजय सिंह बैंस, टीआई संयोगितागंज तहजीब काजी, टीआई एमजी रोड संतोष यादव, टीआई छोटी ग्वालटोली राकेश मोदी, संयोगितागंज थाना प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी के साथ ही पलासिया, छोटी ग्वालटोली, संयोगितगांज थाने, तुकोगंज थाने और एमजी रोड थाने के के सभी उपस्थित सिपाही व अनियंत्रित पुलिसकर्मियों पर एफआईआर करने की मांग की है।
एफआईआर में जान से मारने का प्रयास की धारा लगाने की मांग
एफआईआर की मांग के साथ आवेदक लक्ष्मीनारायण उर्फ तन्नू शर्मा ने कहा है कि इन सबी ने मुझे और मेरे संगठन के सभी साथियों को जान से मारने का प्रयास किया, गाली गलौज की। खतरनाक हथियारों द्वारा गंभीर चोंट पहुंचाने व आपराधिक षडयंत्र किया है।
यह लिखा गया है आवेदन में
बजरंग दल द्वारा दिए गए आवेदन में लिखा गया है कि शहर में बेचे जा रहे नशीले पदार्थ और नाइट कल्चर की वजह से लोकशांति भंग होने के विरुद्ध मेरे और संगठन द्वारा शांति पूर्ण तरीके से पलासिया थाने के पास एक कोने में 15 जून को करीब रात आठ बजे ज्ञापन दिया जा रहा था। इसके लिए पूर्व में ही लिखित रूप से सूचित कर दिया था। पहले भी पुलिस को आवेदन दिए जा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ज्ञापन के लिए काफी देर इंतजार किया, लेकिन पुलिस कमिश्नर नहीं आए। हम सभी एक कोने में पंक्तिबद्ध बैठकर होकर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। पुलिसकर्मियों ने हमे भद्दी गालियां दी, और कहा कि पलासिया चौराहे जाकर बैठ जाओ, तो कमिश्नर जल्दी आ जाएंगे तब हम लोग पलासिया चौराहे पर जाकर बैठ गए। इसके बाद पुलिसकर्मियों द्वारा खतरनाक हथियारों से जान से मारने का प्रयास किया गया। लाठी, डंडों और सड़क पर पड़े पत्थरों से मारा।
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मारने-पीटने के साथ हमें धमकाया भी
शिकायत में आगे लिखा है कि मारने के साथ ही हमे गालियां दी और कहा कि इस क्षेत्र में फिर दिखे तो घर आकर जान से मार डालेंगे। इसलिए निवेदन है कि अनियत्रिंत पुलिसकर्मी आरोपियों पर यह कृत्य करने के लिए दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
जांच कमेटी ने बयान के लिए 19 जून को बुलाया
उधर एडीजी विपिन माहेशवरी द्वारा पूरे घटना की जांच शुरू कर दी गई है। इसके लिए पहले वह पुलिस स्तर पर, वायरल हुए वीडियो और अन्य खुफिया विभागों से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही संबंधित पुलिस अधिकारियों से भी जानकारी ली जा रही है। वहीं बजरंग द्वारा मौखिक बुलावे पर आने से इंकार करने के बाद औपचारिक समन, नोटिस जारी हो गए हैं, सभी को 19 जून को सुबह पुलिस ऑफीसर्स मेस, बटालियन एरिया मरीमाता चौराहे पर बयान के लिए बुलाया गया है। इसमें प्रमुख रूप से गंभीर हुए और गिरफ्तार हुए बजरंग दल के 11 पदाधिकारी शामिल है।