याज्ञवल्क्य, AMBIKAPUR. सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर 51 बरस के बाद पानी को लेकर सबसे भयावह संकट के मुहाने पर जा पहुंचा है। यदि एक हफ्ते के भीतर बारिश नहीं हुई तो 48 वार्डों के करीब दो लाख से ज्यादा लोगों के लिए पानी अमृत तुल्य हो जाएगा। अंबिकापुर को पानी देने वाला बाँकी डेम सूखने के कगार पर है।
शहर में केवल एक टाईम पानी सप्लाई
बाँकी जलाशय में करीब 25 दिन का पानी बचा है। क्षमता का केवल दो से तीन फीसदी पानी ही इस समय बांध में है। इस बांध से पुराने शहर के 28 वार्डों को सीधे पानी जाता है। बाँकी बांध से हर रोज एक करोड़ साठ लाख लीटर पानी की मांग होती हैं, और इस समय करीब 40 करोड़ लीटर पानी बचा है। यह बांध बारिश के जल पर ही मुख्य रुप से आश्रित है। इस बांध की 17.7 की क्षमता है। यह भी है कि कभी यह बांध अपनी क्षमता भर भरा भी नहीं है। हालाँकि ऐसा कभी हुआ नहीं कि जल संकट इस कदर गहराया है कि पानी को लेकर समस्या खड़ी हो जाए। निगम ने फिलहाल शहर को दो पाली की जगह एक पाली में पानी देना शुरु किया है।
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मंत्री सिंहदेव खबर सुनते ही अंबिकापुर लौटे
अंबिकापुर विधानसभा के क्षेत्रीय विधायक मंत्री टीएस सिंहदेव हैं। शहर में एक टाईम पानी की सप्लाई की खबर मिलते ही मंत्री सिंहदेव वापस अंबिकापुर आ गए। उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली, और उसके बाद बाँकी जलाशय पहुंचे। मंत्री सिंहदेव ने द सूत्र से कहा “वैकल्पिक व्यवस्था है घुनघुट्टा बांध को इसलिए ही जोड़ा गया है, लेकिन बाँकी डैम के बिगड़ने से हालत डगमाएगी। निगम को टैंकरों से सप्लाई की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। बाँकी डैम के लिए कुछ प्रोजेक्ट हैं उसमें मैं भिड़ूँगा लेकिन वह वक्त का मसला है। हमें बरसात का इंतज़ार है। बरसात को कैसे मनाएँ”