भोपाल ईडी कोर्ट ने PWD इंजीनियर की पत्नी भारती भासने को मनी लाण्ड्रिंग में सुनाई 3 साल की सजा, IAS दंपती जोशी का भी नाम

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
भोपाल ईडी कोर्ट ने PWD इंजीनियर की पत्नी भारती भासने को मनी लाण्ड्रिंग में सुनाई 3 साल की सजा, IAS दंपती जोशी का भी नाम

संजय गुप्ता, INDORE. भोपाल ईडी कोर्ट ने बुधवार को पांच साल पहले पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन इंजीनियर जितेंद्र भासने और उनकी पत्नी भारती भासने पर पेश हुए मनी लाण्ड्रिंग केस में सजा सुना दी। केस के दौरान जितेंद्र की मौत होने के कारण उनका नाम केस से हट गया था, लेकिन पत्नी पर केस चलता रहा। इसमें विशेष न्यायाधीश डॉ. धर्मेंद्र टाटा ने उन्हें मनी लाण्ड्रिंग के पीएमएलए एक्ट धारा 4 के तहत तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार का अर्थदंड लगाया है जो नहीं देने पर छह माह और बढ़ेगी। यह केस 3.95 करोड़ की ब्लैक मनी को मनी लाण्ड्रिंग करने का था, जो साल जनवरी 2012 में ईडी इंदौर द्वारा दर्ज किया गया था। इस केस के जांच अधिकारी भी इंदौर के तत्कालीन असिस्टेंट डायरेक्टर एके श्रीवास्तव ही थे।



यह है मामला



publive-image



जितेंद्र भासने भोपाल सर्कल टू में पीडब्ल्यूडी इंजीनयर थे, फरवरी 2009 में आयकर विभाग ने उनके यहां छापा मार कर अघोषित आय पकड़ी थी। बाद में लोकायुक्त ने भी मई 2010 में उनके यहां छापा मारा और जांच की। जिसमें जितेंद्र और उनकी पत्नी दोनों पर केस हुआ था। ईडी इंदौर ने इसे टेकअप करते हुए ईसीआईआर जनवरी 2012 में दर्ज किया और फिर 2018 में ईडी कोर्ट में केस लगा। इसके बाद इसमें अब सजा हुई है। भासने 1992 में पीडब्ल्यूडी में नौकरी में आए थे और भारती से उनकी शादी साल 1995 में हुई थी, वह जबलपुर निवासी है। 




publive-image

असिस्टेंट डायरेक्टर (अब रिटायर) एके श्रीवास्तव।




क्या पाया था भासने परिवार के पास



ईडी व अन्य जांच एजेंसियों की जांच में आया था कि जितेंद्र द्वारा आय व अन्य स्त्रोत से केवल 67 लाख की आय ही संभावित थी, लेकिन इसके मुकाबले उन्होंने 3.95 करोड़ राशि खर्च की। यह राशि उन्होंने अपनी पत्नी भारती जो कि बीमा एजेंट थी, उनके जरिए मनी लाण्ड्रिंग की गई और इससे 2.62 करोड़ रुपए की पॉलिसी खरीदी गई। इसके लिए कई लोगों के नाम पर निवेश करना बताया गया जो फर्जी थे। जिन नामों से राशि निवेश बताई गई इसके बयान जांच अधिकरारी एके श्रीवास्तव ने लिए थे लेकिन पता चला कि वह तो भारती को जानता ही नहीं। कई लोगों के बयान से यह पुष्ट हो गई। इसमें जांच अधिकारी श्रीवास्तव द्वारा बारीक जांच कर कई पॉलिसियों की जांच की गई और बयान लिए गए, इसके बाद साबित हो गया कि पति की ब्लैक मनी को पत्नी ने पॉलिसियों में लगा दिया।



यह खबर भी पढ़ें



इंदौर में नरोत्तम मिश्रा का AIMIM की मांग पर दिग्विजय पर तंज, उन्होंने पहले हिंदुत्व का हलाला किया, अब बकरे की हलाली की मांग आ गई



इसलिए आया आईएस दंपती जोशी का नाम



जांच अधिकारी एके श्रीवास्तव की जांच में जो बयान आए इसमें साथ था कि वह भारती को जानते ही नहीं, इसके साथ ही कई जगह जिनकी आय कम बताई गई उनका निवेश बहुत अधिक बताया गया था जैसे कि एक व्यक्ति की आय ही सालाना डेढ़ लाख थी उसका निवेश तीन लाख बताया गया, यह संभव ही नहीं था। वहीं बचाव पक्ष द्वारा दलील दी गई कि जो भी पॉलिसी के मामले ईडी ने बताए हैं, वह दरअसल उस समय चले आईएएस दंपती अरविंद और टीनू जोशी के केस के सबूत व दस्तावेज है, जिसे ईडी ने इस केस में जोड़ दिया है। लेकिन बचाव पक्ष की यह दलील काम नही करी और भारती को दोषी माना गया।


मनी लाण्ड्रिंग में सुनाई 3 साल की सजा PWD इंजीनियर की पत्नी भारती भासने को सजा भोपाल ईडी कोर्ट MP News IAS couple Joshi also named sentenced to 3 years in money laundering PWD engineer's wife Bharti Bhasne sentenced Bhopal ED court एमपी न्यूज IAS दंपती जोशी का भी नाम