BHOPAL. मध्य प्रदेश के चित्रकूट में मंगलवार (16 जनवरी) को श्रीराम पथ गमन न्यास (Ram Van Gaman Path) की पहली बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने कहा कि चित्रकूट को अयोध्या की तरह बनाएंगे। जिन स्थानों से भगवान राम गुजरे, उन स्थानों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा।
सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बनेगी चित्रकूट
सीएम यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार चित्रकूट का अयोध्या की तर्ज पर विकास करेगी। इसे भगवान राम के जीवन से जुड़ा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाया जाएगा। श्री राम वन गमन पथ के विकास की कार्ययोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उन सभी स्थानों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा, जहां से भगवान राम गुजरे थे। चित्रकूट में दिवाली और अमावस्या मेले में प्रदर्शनी लगाकर राम वन गमन पथ से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित कराएं। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित करें।
भगवान राम ने मप्र में गुजारा था इतना समय
मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ चित्रकूट से अमरकंटक तक 370 किलोमीटर है। यहां राम ने वनवास के दौरान 11 साल 11 महीने और 11 दिन का समय गुजारा। भगवान राम जिस रास्ते से गुजरे उसे राम वन गमन पथ कहा जाता है। राज्य में सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले के स्थलों को चिन्हित किया गया। इसमें स्फटिक शिला, सिद्धा पहाड़,गुप्त गोदावरी, अश्वमुनि आश्रम, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सीता रसोई, अग्निजिन्हा आश्रम,रामसेल, राम जानकी मंदिर, बृहस्पति कुंभ,श्रीराम मंदिर, अगस्त्य आश्रम, शिव मंदिर, रामघाट, मार्कडेय आश्रम, दशरथ घाट, सीता मढ़ी शामिल है।
क्या है राम वन गमन पथ ?
राम वन गमन पथ वह मार्ग है, जो भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने अपने वनवास के दौरान अपनाया था। यह मार्ग अयोध्या से शुरू होकर श्रीलंका पर खत्म होती है। यह मार्ग हिंदू धर्म में बहुत पूजनीय है क्योंकि भगवान राम के जीवन की विभिन्न प्रमुख घटनाएं इसी मार्ग पर घटी हैं। राम वन गमन पथ भारत के दस राज्यों से होकर गुजरता है। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल शामिल है। इस मार्ग पर लगभग 248 स्थान हैं, जो किसी न किसी रूप में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के वनवास से जुड़े हुए हैं। राम वन गमन पथ का सबसे पहला पड़ाव चित्रकूट है। चित्रकूट भगवान राम की कर्म भूमि है। भगवान राम ने वनवास के 11 साल चित्रकूट में ही बिताए थे। चित्रकूट में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, जो भगवान राम से जुड़े हुए हैं।
चित्रकूट से आगे बढ़ते हुए, राम वन गमन पथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर कई अन्य महत्वपूर्ण स्थान भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पंचवटी: यह वह स्थान है जहां भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान अपने वनवास का सबसे अधिक समय बिताया था।
- लंका: यह वह स्थान है जहां भगवान राम ने रावण का वध किया था और माता सीता को मुक्त कराया था।