RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इस साल आखिर में विधानसभा चुनाव हैं। 15 साल सत्ता में रही बीजेपी पांच साल से सत्ता से दूर है। अब पार्टी ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। अगले महीने यानी जुलाई में मॉनसून सत्र है। कांग्रेस सरकार का यह आखिरी सत्र है, लिहाजा बीजेपी ने सत्ताधारी पार्टी से उसके पांच साल का हिसाब-किताब मांगने की तैयारी कर ली है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के आवास पर 26 जून को विधायक दल की बैठक हुई। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और संगठन महामंत्री पवन साय की मौजूदगी में आयोजित इस बैठक में राज्य सरकार को घेरने की रणनीति पर मंथन हुआ।
अब ये है बीजेपी की तैयारी
इसमें तय हुआ कि बीजेपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में सरकार के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन (अविश्वास प्रस्ताव) लाएगी। 4 दिवसीय सत्र में हर दिन हंगामे के आसार हैं। हालांकि, सत्र के पहले दिन बीजेपी विधायक विद्यारतन भसीन को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित हो जाएगी। बाकी के 3 दिन तक भाजपा शराब घोटाला, खनिज घोटाला, पीएससी घोटाला और राशन घोटाला जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
इसके लिए सभी 13 विधायकों को अलग अलग मुद्दों पर तैयारी करके सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मॉनसून सत्र बहुत छोटा है। हमने पहले भी कहा था कि सत्र कम से कम 10 दिन का होना चाहिए। विधायक दल ने तय किया है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के खिलाफ इस सत्र में बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। इसके जरिए हम छत्तीसगढ़ की मूलभूत और ज्वलंत समस्याओं और भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करना चाहते हैं। अविश्वास प्रस्ताव सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा मोशन होता है। राज्य में बदलाव की बयार बह रही है। हम जनता की आवाज को सदन के अंदर उठाकर अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से रखना चाहते हैं।
जोगी कांग्रेस और बसपा से भी होगी बात
नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा कि फिलहाल बीजेपी विधायक दल में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की गई है। चूंकि, विपक्ष में जोगी कांग्रेस (छजकां) के 2 विधायक और बसपा के साथी भी हैं। ऐसे में उनसे भी इस विषय पर बात की जाएगी। यानी बीजेपी पूरे विपक्ष को साथ लेने की जुगत में है।
ऐसा रहेगा सत्र
- 18-21 जुलाई तक चलेगा विधानसभा का मॉनसून सत्र।
बीते 6 सत्रों में भी बैठकों की संख्या रही कम
साल |
छत्तीसगढ़ में सत्ता का गणित ऐसे समझें
छत्तीसगढ़ में विधानसभा में 90 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 71 सीटें हैं। बीजेपी के पास 13 (पहले 15 थीं, 2 विधायकों का निधन हो गया) सीटें हैं। छजकां और बसपा के पास 2-2 सीटें हैं। हाल ही में दुर्ग में अमित शाह की सभा हुई थी। दुर्ग को कांग्रेस का दुर्ग कहा जा रहा है। सीएम बघेल समेत 5 मंत्री इसी संभाग से आते हैं। दुर्ग उत्तर-मध्य छत्तीसगढ़ में आता है। ये पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इलाका है। बीजेपी के पारंपरिपक वोटर माने जाने वाले साहू और कुर्मी को वापस लाने की कवायद है। भूपेश बघेल खुद कुर्मी हैं, ऐसे में इस समुदाय के बीजेपी के साथ आने में थोड़ी मुश्किल होगी। साहू समाज ने इसलिए वोट किया था कि मुख्यमंत्री उसी के समुदाय (ताम्रध्वज साहू) से बनेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। फिलहाल साहू भी कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। दुर्ग शहरी बेल्ट है, उन्नत-शिक्षित इलाका है। ये वो इलाका है, जिसमें बीजेपी का वोटर मिलेगा ही। इसे ही साथ लाने की कवायद है।