BILASPUR. छत्तीसगढ़ में सड़कों पर घूम रहे मवेशिवों के नहीं हटाने से अब हाईकोर्ट सख्त हो गया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि नेशनल और स्टेट हाइवे से मवेशियों को हटाने के लिए पंचायत से लेकर राज्य स्तर पर आठ सदस्यीय कमेटी बनाएं। आदेश में हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि आदेश का पालन नहीं होने पर कमेटी के सदस्य ही जवाबदेह होंगे। इस मामले में चार सितंबर को अगली सुनवाई होगी। इसमें राज्य सरकार को शपथ पत्र देना होगा।
कमेटी की जिम्मेदारी, मवेशी नेशनल और स्टेट हाइवेसे दूर रखें
हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डबल बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि आठ सदस्यीय कमेटी की यह जिम्मेदारी होगी कि वे नेशनल और स्टेट हाइवे से मवेशियों को दूर करें। मवेशियों को पकड़ने के बाद उसके मालिकों पर जुर्माना करने के बाद ही छोड़ना होगा। इसके साथ ही, मवेशियों को गौशाला या गौठान में रखने के निर्देश दिए हैं। यह भी ध्यान रखना होगा कि शिफ्टिंग के दौरान मवेशियों को किसी तरह की चोट न आए। जिन स्थानों पर रखा जाएगा, वे सूखे और साफ-सुथरे हों। नेशनल व स्टेट हाइवे पर मवेशियों के कारण आवागमन में बाधा होती है, बल्कि कई बाद गंभीर स्थिति बन जाती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए राज्य सरकार को हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
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मवेशियों के गले में लगाएं मालिकों के नाम का टैग
हाईकोर्ट में डबल बेंच ने सड़क से लगे गांव के लोगों को मवेशियों को हटाने के लिए काम पर रखने का भी सुझाव दिया गया है। मवेशियों के गले में रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाएं, जिससे वाहन चालकों को पता चल सके। डबल बेंच ने कमेटी को सभी मवेशियों के गले में उनके मालिकों के नाम का टैग लगाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, जिससे मालिकों का पता लगाने में कोई दिक्कत न हो और कार्रवाई में आसानी हो। आठ सदस्यीय कमेटी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि लोग ऐसी समस्याओं के संबंध में शिकायत कर सकें और उसका समाधान किया जा सके।