मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र बुधवार ( 20 दिसंबर) से शुरू हो गया। नए विधायकों की शपथ के साथ शुरू हुए सत्र के पहले ही दिन शपथ की भाषा को लेकर विवाद की स्थिति सामने आई। वहीं विपक्षी कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल ने राज्यपाल के भी भाषण के बिना सत्र आहूत करने को लेकर व्यवस्था का प्रश्न भी उठाया।
शपथ की भाषा को लेकर विवाद
राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान विधानसभा का 2 दिन का सत्र आहूत किया है। इसमें नए विधायकों की शपथ और विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन का एजेंडा तय किया गया है। इसी के तहत प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ की अध्यक्षता में बुधवार को सुबह 11बजे विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई। पहले ही दिन शपथ की भाषा को लेकर विवाद की स्थिति बन गई।
राजस्थानी भाषा में शपथ ले रहे थे भाटी
बीकानेर जिले की कोलायत विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेना चाही थीं। उन्होंने राजस्थानी भाषा में शपथ बोल भी दी थी, लेकिन इसे मान्य नहीं किया गया। प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने व्यवस्था दी की राजस्थानी भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है, इसलिए राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ली जा सकती। भाटी ने कहा कि वह राजस्थानी भाषा में शपथ लेने के लिए पहले ही सूचित कर चुके थे। लेकिन प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि यह संभव नहीं है। अध्यक्ष की व्यवस्था भी यही है कि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में ही शपथ ली जा सकती है। इस दौरान कुछ सदस्यों ने यह मांग उठाई की राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए सदन का अपना संकल्प व्यक्त करें। बाद में अध्यक्ष की व्यवस्था को देखते हुए अंशुमान सिंह भाटी ने हिंदी में शपथ ली।
यह उल्लेखनीय है कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का मामला लंबे समय से अटका हुआ है। राजस्थान विधानसभा इसे लेकर अपना एक संकल्प भी व्यक्त कर चुकी है और यह संकल्प भी केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है, लेकिन गृह विभाग द्वारा अभी तक राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्रदान नहीं की गई है।
सदन बुलाना कोई भजन मंडली का काम तो है नहीं
सत्र के पहले ही दिन प्रतिपक्ष में बैठी कांग्रेस की ओर से राज्यपाल का अभिभाषण कराए बिना सत्र बुलाने पर आपत्ति भी की गई। पूर्व संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस के विधायक शांति धारीवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि विधानसभा का पहला सत्र राज्यपाल के भी भाषण से ही शुरू होता है, लेकिन इस बार 24 घंटे के नोटिस पर बिना अभिभाषण के ही सत्र बुला लिया गया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि सत्र बुलाना कोई भजन मंडली का कार्यक्रम तो है नहीं कि हमारे घर में भजन है इसलिए आप लोग आ जाओ। इस व्यवस्था के प्रश्न पर प्रोटीन स्पीकर कालीचरण सराफ में व्यवस्था दी कि यह सत्र विधायकों की शपथ के लिए बुलाया गया है। सभी विधायकों की शपथ के बाद सत्र फिर से आहूत किया जाएगा और तब राज्यपाल का भी अभिभाषण कराया जाएगा।
इस मुस्लिम विधायक ने ली संस्कृत में शपथ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जुबेर खान ने राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र में संस्कृत में शपथ ली। जुबेर खान ने जब संस्कृत में शपथ ली तब प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने उन्हें इसके लिए बधाई भी दी। साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शपथ लेने के बाद संसद में विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने पर विरोध प्रकट किया, हालांकि इसे बाद में कार्रवाई से निकाल दिया गया।
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