शिवराज सरकार की योजनाओं पर लगा बजट का ब्रेक, वित्त विभाग बोला- पूछकर ही लें कोई फैसला, जानिए कहां-कहां लगी बंदिश

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Pratibha Rana
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शिवराज सरकार की योजनाओं पर लगा बजट का ब्रेक, वित्त विभाग बोला- पूछकर ही लें कोई फैसला, जानिए कहां-कहां लगी बंदिश

BHOPAL. शिवराज सिंह चौहान की धुआंधार योजनाओं पर वित्त विभाग ने बजट की कमी का ब्रेक लगा दिया है। वित्त विभाग ने 35 से ज्यादा विभागों की अलग-अलग योजनाओं पर बिना उनकी अनुमति लिए बिना किसी तरह का खर्च करने या भुगतान करने पर रोक लगा दी है।

गंभीर वित्तीय संकट के दौर में पहुंची सरकार

मोहन यादव के हाथों में मध्यप्रदेश की कमान के साथ ही वित्त विभाग ने शिवराज सरकार की योजनाओं पर बजट का ब्रेक लगा दिया है। वित्त विभाग ने कहा कि कोई भी फैसला पूछकर ही लें। बिना पूछे कुछ भी ना करें। वित्त विभाग ने सीएम मोहन यादव की सरकार में 35 से ज्यादा विभागों पर बंदिश लगा दी है।

शिवराज सरकार की योजनाओं पर चली वित्त विभाग की कैंची

पीएम सड़क योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना,आदिवासियों से संबंधित योजनाएं, मंत्रियों अफसरों के बंगलों की रिपेयरिंग, महाकाल परिसर विस्तार योजना, खेल को लेकर योजनाएं, 6 से ज्यादा पुरस्कार योजनाएं, हवाई पट्टी विस्तार, किसानों के लिए संचालित मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना जैसी कई अन्य योजनाएं शामिल है। अगर सीएम मोहन यादव की सरकार को इनमें से किसी भी योजनाओं पर काम करना है कि तो उन्हें पहले वित्त विभाग से इजाजत लेनी होगी।

श्रद्धालुओं से जुड़ी योजनाओं-भामाशाह पुरस्कार पर भी असर

श्रद्धालुओं के लिए चली आ रही योजनाओं के भी काम पर वित्त विभाग ने बंदिश लगा दी है। इसमें महाकाल परिसर विस्तार, तीर्थ दर्शन योजना के कार्य रुकेंगे। इसके अलावा पुरस्कार और सम्मान देने पर भी बंदिश लगा दी गई है।  वित्त विभाग ने साफ कर दिया है कि कमर्शियल टैक्स विभाग द्वारा दिए जाने वाले भामाशाह पुरस्कार के लिए विभाग प्रमुखों को वित्त विभाग की परमिशन लेना अनिवार्य किया गया है।

खिलाड़ियों और किसानों से जुड़े ये काम अटकेंगे

किसानों से संबंधित कई काम भी प्रभावित होंगे। इसमें कृषि विकास विभाग की एक जिला एक उत्पाद योजना, निजी एजेंसियों, सहकारिता विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना संचालित किए जाने, प्राथमिक साख सहकारी समितियों को प्रबंधकीय अनुदान, सहकारी बैंकों को अंशपूंजी देने के काम के लिए पहले परमिशन लेनी होगी। इसके अलावा खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के भी सभी काम अटकेंगे। खेलो इंडिया एमपी, स्टेडियम और अधोसंरचना निर्माण, ओलंपिक 2024, मप्र खेल प्राधिकरण को अनुदान, अखिल भारतीय सिविल सेवा खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन पर भी प्रदेश की खस्ताहाल वित्तीय व्यवस्था का असर पड़ा है।

स्कूल संबंधित स्कीम-आदिवासियों की योजनाओं पर असर

वित्त की परमिशन अनिवार्य किए जाने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आरटीई के अंतर्गत शासकीय विद्यालयो को ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति, निशुल्क पाठ्य सामग्री का वितरण, छात्रावासों की स्थापना, निर्माण और संचालन, माडल स्कूलों की स्थापना और संचालन, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शिक्षण और आवास व्यवस्था के काम पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही आदिवासियों की भी कई योजनाओं पर असर पड़ेगा। राजा संग्राम सिंह पुरस्कार योजना, टंट्या भील मंदिर जीर्णोद्धार, आदिवासी पंचायतों के लिए बर्तन प्रदाय योजना का काम प्रभावित होगा। सामाजिक न्याय विभाग कृत्रिम अंग उपकरण वितरण योजना और खाद्य विभाग खाद्यान्न भंडारण गारंटी योजना के लिए वित्त को अनुमति फाइल भेजने के बाद ही फैसला कर सकेगा। उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के काम भी प्रभावित होंगे।





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