मध्यप्रदेश में अगले 7 दिन में होंगे थोकबंद तबादले, कलेक्टर-एसपी, ADM-SDM और CSP-DSP की ट्रांसफर लिस्ट होगी जारी

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Harish Divekar
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मध्यप्रदेश में अगले 7 दिन में होंगे थोकबंद तबादले, कलेक्टर-एसपी, ADM-SDM और CSP-DSP की ट्रांसफर लिस्ट होगी जारी

BHOPAL. अगले 7 दिन में मध्यप्रदेश सरकार थोकबंद तबादले करने जा रही है। 3 साल से मैदान में जमे अफसरों के साथ दूसरे अफसर भी इस तबादले में प्रभावित होंगे। इनमें कलेक्टर-एसपी, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायाब तहसीलदार, एडिशनल एसपी, सीएसपी, डीएसपी और टीआई तक के तबादले होना है। यूं भी कह सकते हैं कि अगले 7 दिन प्रदेश में काम के नाम पर सिर्फ तबादले ही होंगे।





निर्वाचन आयोग का फरमान





ये सारी कवायद निर्वाचन आयोग के फरमान पर हो रही है। दरअसल, चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से 31 जुलाई तक 3 साल से मैदान में जमे अफसरों के तबादले कर उसकी जानकारी देने को कहा है। जीएडी कार्मिक ने कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम की सूची तैयार कर ली है। इसी तरह गृह विभाग ने एसपी, एडिशनल एसपी, डीएसपी की सूची तैयार कर ली है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी सुधीर सक्सेना के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बैठक नहीं हो पाने के कारण ये तबादला सूची अटकी हुई है।





चुनाव से पहले होने वाले ट्रांसफर अहम





दरअसल, चुनाव से पहले होने वाले मैदानी अधिकारियों के तबादले महत्वपूर्ण होते हैं। सरकार अपने हिसाब से जमावट जमाती है। ऐसे में एक-एक नाम पर कई एंगल से विचार होता है। इसमें स्थानीय विधायकों और नेताओं की सिफारिश को भी ध्यान में रखा जाता है।





1 अगस्त से होना है वोटर लिस्ट का रिवीजन





1 अगस्त से वोटर लिस्ट का फाइनल रिवीजन होना है। इसके चलते आयोग ने 31 जुलाई तक तबादले करने का फरमाान दिया है। अपर कलेक्टर चुनाव में ईआरओ होते हैं। ऐसे में उनके डिजिटल सिग्नेचर बनने के बाद ही वोटर लिस्ट में रिवीजन का काम शुरू होगा। आयोग ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि ईआरओ के डिजिटल सिग्नेचर बनाकर इसकी जानकारी 2 अगस्त तक आयोग में भेज दें।





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तबादलों में देरी से कलेक्टर परेशान





अपर कलेक्टर के तबादलों में देरी होने से कलेक्टर परेशान हैं। दरअसल, कई जिलों में अपर कलेक्टर 3 साल का समय पूरा कर चुके हैं। ऐसे में उनका तबादला होना तय है। संबंधित जिले के कलेक्टर उनकी जगह नए अपर कलेक्टर के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कारण है कि उन्हें हर हाल में 2 अगस्त तक आयोग को अपर कलेक्टर के डिजिटल सिग्नेचर बनने की जानकारी भेजनी है।



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