Jabalpur. बॉर्डर से सटे इलाके हों या फिर नक्सल प्रभावित जिले दोनों ही मोर्चों पर परखी गईं जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री में बनी बुलेट प्रूफ व्हीकल सीआरपीएफ को काफी रास आई हैं। यही कारण है कि अब सीआरपीएफ ने वाहन निर्माणी से ऐसे ही 317 बुलेट प्रूफ वाहनों की डिमांड भेजी है। इन वाहनों पर हैवी एंबुश का भी कोई असर नहीं होता। नक्सल प्रभावित जिलों में सीआरपीएफ इन वाहनों को मोर्चे पर उतारने प्रयासरत है, ताकि कम से कम कैजुअल्टी में सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों से लोहा ले सकें। बहरहाल सीआरपीएफ की तरफ से ऑफिशियल वर्कऑर्डर का इंतजार व्हीएफजे को है।
4 साल पहले मिला था ऑर्डर
व्हीकल फैक्ट्री को करीब 4 साल पहले मिनी बस की बॉडी को बुलेटप्रूफ करने का काम पहली बार मिला था। लंबे समय तक कई तरह के टेस्ट करने के बाद निर्माणी ने इसे बनाने में सफलता हाथ लगी थी। सीआरपीएफ ने कुल 30 बुलेटप्रूफ वाहनों की डिलीवरी ली थी और उन्हें अलग-अलग मोर्चों पर तैनात भी किया था। बुलेटप्रूफ व्हीकल की ताकत और सुरक्षा प्रणाली को देखते हुए सीआरपीएफ ने अब निर्माणी से बड़ी संख्या में बुलेटप्रूफ वाहनों की डिमांड भेजी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बड़ा ऑर्डर निर्माणी को मिलने वाला है।
- यह भी पढ़ें
एमपीवी जैसी हैं खूबियां
सीआरपीएफ को सप्लाई किए गए इन वाहनों को काफी कुछ माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल जैसी खूबियों से लैस किया गया है। जानकारों का कहना है कि इस युद्धक वाहन के सभी ग्लास एमपीवी की तरह ही बुलेटप्रूफ हैं। इसके अलावा इसमें गन पोर्ट भी बनाए गए हैं, वाहन में एक बार में 1 दर्जन से ज्यादा जवान सवार हो सकते हैं।
इन खूबियों से है लैस
यह वाहन अचानक होने वाले एंबुश में जवानों की सुरक्षा करेगा, पूरे वाहन में बेहद हाईटेक एवं मोटी आर्म्ड शीट का इस्तेमाल किया गया है। वर्ल्ड क्लास क्वालिटी के बुलेटप्रूफ ग्लास लगाए गए हैं। वाहन के अंदर से ही हमला करने में सक्षम बनाया गया है। हाईटेक से हाईटेक गन के हमले को सहने में सक्षम बनाया गया है। व्हीकल का इंटीरियर और यूनिट कंसोल पूरी तरह आधुनिक।