आचार संहिता में नगदी और जेवरात की काफी ज्यादा हुई जब्ती, लेकिन 7.58 करोड़ की नगदी और माल छोड़ना भी पड़ा

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Chandresh Sharma
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आचार संहिता में नगदी और जेवरात की काफी ज्यादा हुई जब्ती, लेकिन 7.58 करोड़ की नगदी और माल छोड़ना भी पड़ा

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में निर्वाचन विभाग और अन्य जांच एजेंसियों की सख्ती के कारण इस बार बड़े पैमाने पर नकदी और अन्य सामान की जब्ती तो हो रही है लेकिन कई मामलों में यह सख्ती लोगों के लिए परेशानी का कारण भी बन रही है और इन एजेंसियों को नकदी और सामान छोड़ना भी पड़ रहा है। अब तक 282 प्रकरणों का जिला स्तरीय समितियों द्वारा निस्तारण किया गया है और 7 करोड़ 58 लाख 42 हजार 948 रुपए की नकदी एवं अन्य कीमती सामग्री अब तक अपील प्रकरणों का निस्तारण कर मुक्त करनी पड़ी है।

592 करोड़ की हुई जब्ती

राजस्थान में इस बार निर्वाचन आयोग और अन्य जांच एजेंसियां चुनाव के दौरान नकदी और अन्य अवैध सामग्री जैसे शराब आदि की जब्ती के मामले में बहुत सख्ती दिखाई जा रही है। उसी के चलते अब तक 592 करोड़ का सामान और नकदी जब्त की जा चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा 99.22 करोड़ रुपए और समान जयपुर जिले में जब्त किया गया है। लेकिन दीपावली जैसे त्योहार और जल्द शुरू होने वाली शादियों के कारण निर्वाचन विभाग और अन्य जांच एजेंसियों की यह सख्ती लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है और इसे छुड़ाने के लिए लोगों को जिला प्रशासन के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

अपील निस्तारण के बाद छूटी रकम

जब्त सामान को छुड़ाने के लिए हालांकि अपील की जा सकती है। जिला परिषद सीईओ, जिला कोषागार अधिकारी (टीओ) और संयोजक के रूप में निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी की तीन सदस्यीय अपीलीय समितियां जिलों में गठित की गई हैं। इन समितियों में अब तक 415 अपील जब्त नकदी और कीमती सामान रिलीज करवाने के लिए प्राप्त हुई हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि एफएसटी, एसएसटी, पुलिस सहित प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सीज की गई 7 करोड़ 58 लाख 42 हजार 948 रुपए की नकदी एवं अन्य कीमती सामग्री अब तक अपील प्रकरणों का निस्तारण कर मुक्त की गई हैं।

गुप्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के अनुसार, चुनाव आचार संहिता के दौरान एफएसटी, एसएसटी अथवा पुलिस द्वारा अवैध नकदी सहित अवैध सामग्री के परिवहन पर की गई कार्रवाई के दौरान आम जनता तथा सही व्यक्तियों को असुविधा से बचाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान नकदी और अन्य वस्तुओं की जब्ती और रिलीज के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित की गई है। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश निर्वाचन विभाग की ओर से दिए गए हैं।

लंबित नहीं रखे जायेंगे प्रकरण

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यह समितियां पुलिस, एसएसटी या एफएसटी द्वारा की गई जब्ती के प्रत्येक मामले की स्वतः जांच करती हैं। उन्होंने कहा कि यदि जब्त की गई राशि के संबंध में कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जब्त राशि किसी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल या किसी निर्वाचन अभियान इत्यादि से जुड़ी हुई नहीं है, तो ऐसी नकदी रिलीज करने के बारे में आदेश जारी करने के लिए समिति तत्काल कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि जिला शिकायत समिति को ऐसे मामलों पर बिना देरी किए निर्णय करना होता है और यदि कोई एफआईआर अथवा शिकायत दर्ज नहीं की गई है तो जब्त की गई नकदी या कीमती सामान से संबंधित मामले को अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में, मतदान की तारीख के बाद सात दिनों से अधिक समय तक मालखाना या कोषागार में ऐसे मामले लंबित नहीं रखे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि यह रिटर्निंग अधिकारी का उत्तरदायित्व है कि ऐसे सभी मामलों को अपीलीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करें और अपीलीय समिति के आदेशानुसार नकदी एवं बहुमूल्य वस्तुओं को रिलीज करें। इस संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत अथवा समस्या के लिए राज्य स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम में टोली फ्री नंबर 180018001950 अथवा फोन नं. 0141-2227550 पर संपर्क किया जा सकता है।

राजस्थान न्यूज़ अपील निस्तारण के बाद कार्रवाई 7.58 करोड़ का माल छोड़ा 592 करोड़ की हुई जब्ती action taken after disposal of appeal goods worth Rs 7.58 crore left Rajasthan News Rs 592 crore seized