जितेंद्र सिंह, GWALIOR. मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम के आउटसोर्स कर्मचारी को 10 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कर्मचारी अपने क्षेत्राधिकारी के आदेश पर रिश्वत की रकम लेने पहुंचा था। लोकायुक्त की कार्यवाई के बाद निगमायुक्त ने आउटसोर्स कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जबकि क्षेत्राधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
भवन निर्माण की अनुमति के लिए मांगी थी 30 हजार की रिश्वत
रिटायर्ड सैनिक राकेश सिंह सिकरवार ने दीनदयाल नगर स्थित अपने दो प्लॉट पर भवन निर्माण की अनुमति के लिए नगर निगम में आवेदन किया था। नगर निगम के क्षेत्राधिकारी उप्पल सिंह भदोरिया के द्वारा भवन निर्माण की अनुमति के एवज में 30,000 की रिश्वत मांगी। राकेश ने इतनी बड़ी रकम देने से इंकार किया तो उप्पल 15,000 में काम करवाने के लिए राजी हो गया। राकेश सिंह ने 5,000 तत्काल उप्पल सिंह भदौरिया को दे दिए बाकी की 10,000 रिश्वत की रकम देते समय लोकायुक्त की टीम ने आउटसोर्स कर्मचारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत की रकम लेने आउटसोर्स कर्मचारी को भेजा था
राकेश सिंह सिकरवार से रिश्वत की बकाया रकम लेना मंगलवार को तय हुआ था। राकेश ने लोकायुक्त को इसकी लिखित शिकायत कर दी थी। लोकायुक्त के कहे अनुसार राकेश आज रिश्वत की रकम देने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 8 पहुंचा तो उप्पल सिंह भदौरिया ने रिश्वत की रकम लेने के लिए आउटसोर्स कर्मचारी विवेक सिंह तोमर को रुपए लेने के लिए भेजा। जैसे ही राकेश ने उसे 10,000 रुपए दिए। वैसे ही लोकायुक्त ने विवेक को रंगे हाथों दबोच लिया।
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रिश्वत की फोन रिकॉर्डिंग लोकायुक्त के पास
फरियादी राकेश सिकरवार रिश्वत कांड की शिकायत लोकायुक्त पुलिस में कर चुका था। फोन पर रिश्वत की रकम को लेकर डीलिंग चल रही थी। राकेश ने फोन की रिकॉर्डिंग भी लोकायुक्त पुलिस को दे दी थी, जिसके बाद लोकायुक्त ने ट्रेप करने की योजना बनाई और जैसे ही मंगलवार दोपहर को राकेश सिकरवार ने रिश्वत के दस हजार रुपए विवेक सिंह तोमर को दिए वैसे ही उसे सादा कपड़ों में तैनात लोकायुक्त पुलिस की टीम ने पकड़ लिया। हाथ धुलवाने पर उसके हाथ रंगीन हो गए। इसके बाद निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस ने पूरी लिखी पड़ी की।
शिकायत पर 10,000 रुपए लेते रंगे हाथों दबोचा
लोकायुक्त इंस्पेक्टर बृजमोहन सिंह नरवरिया ने बताया कि शिकायत मिली थी कि निगम क्षेत्राधिकारी भवन निर्माण की अनुमति के एवज में 15 हजार की रिश्वत मांग रहा है। पांच हजार पूर्व में दिए जा चुके हैं। बाकी 10 हजार रुपए देना है। इसके बार ट्रैप लगाया गया। क्षेत्राधिकारी उप्पल भदौरिया ने रिश्वत की रकम लेने आउटसोर्स कर्मचारी विवेक सिंह तोमर को भेजा था, जिसे रंगेहाथों पकड़ा है।