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BHOPAL. मध्य प्रदेश के छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बड़ा कदम उठाया है। घर के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए छुट्टी न देने पर निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा है कि घर के उद्घाटन और वृद्ध अस्थियां के दर्शन लाभ करने की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूरणीय क्षति पहुंची है। इस वजह से मैं इस्तीफा दे रही हूं।
संविधान को साक्षी मानकर की थी अपनी शादी
वर्तमान में छतरपुर जिले के लवकुशनगर में एसडीएम के पद पर पदस्थ निशा बांगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। निशा बांगरे मध्यप्रदेश की चर्चित अधिकारी हैं। उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर अपनी शादी की थी। इसके साथ निशा बांगरे के चुनाव लड़ने की भी अटकलें थीं, लेकिन इस बार उन्होंने इस्तीफा छुट्टी नहीं मिलने की वजह से दिया है। कुछ दिनों पहले बैतूल जिले की आमला विधानसभा से निशा बांगरे की चुनाव लड़ने की बात सामने आई थी।
निशा बांगरे ने इस्तीफा सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा
निशा बांगरे ने इस्तीफा पत्र में जिक्र किया है कि अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित रहने की अनुमति न देने और धार्मिक भावनाओं के अनुरूप धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति ना देने के कारण इस्तीफा देना पड़ा है। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र भेज दिया है। निशा बांगरे ने इस्तीफा आज ही दिया है। दरअसल, निशा बांगरे के घर का गृह प्रवेश 25 जून को बैतूल जिले के आमला में तय था, जिसके लिए उन्हीं छुट्टी नहीं मिली।
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शासन ने अभी तक उनका का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है
निशा बांगरे ने बताया कि उनके निजी मकान का उद्घाटन होना था। इसके लिए उन्होंने प्रशासन को छुट्टी के लिए एक पत्र लिखा था, जिसके बाद उन्हें छुट्टी नहीं दी गई। निशा बांगरे ने जानकारी देते हुए बताया कि थाईलैंड से भीमराव अंबेडकर की अस्थियां आनी हैं। इसीलिए एक कार्यक्रम के माध्यम से उसमें शामिल होना चाहती थी, लेकिन मध्य प्रदेश शासन ने छुट्टी नहीं दी। इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है। फिलहाल मध्य प्रदेश शासन की तरफ से अभी तक उनका का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।