Raipur. छत्तीसगढ़ में नवागढ़ तहसीलदार के खिलाफ एक शिकायत की गई है। इसमें सरकारी जमीन को लेकर तहसीलदार के उपर गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं शिकायत पत्र में पूरे कार्यकाल की जांच करने की मांग भी की गई है। इसके लिए सचिव राजस्व, कमिश्नर दुर्ग और कलेक्टर बेमेतरा को पत्र दिया गया है। यह शिकायत विजय उपाध्याय ने नवागढ़ तहसीलदार के खिलाफ की गई है। विजय उपाध्याय ने शिकायत में लिखा है कि प्रतापपुर गांव की जिस सरकारी भूमि को भू स्वामी हक में दर्ज करने का आवेदन साल 2019 में तत्कालीन तहसीलदार ने खारिज कर दिया था, उस जमीन को वर्तमान तहसीलदार ने बिना वास्तविकता का परीक्षण किए भू स्वामी हक में दर्ज करने का आदेश कर दिया।
तहसीलदार के पूरे कार्यकाल की जांच की जाएगी?
सचिव राजस्व, कमिश्नर दुर्ग और कलेक्टर बेमेतरा को सौंपे गए पत्र में पूरे कार्यकाल की जांच करने की मांग भी की गई है। विजय ने नवागढ़ तहसीलदार के आर वासनिक के पूरे कार्यकाल के दौरान किए गए रिकार्ड दुरुस्त, प्रमाणीकरण और संशोधन की जांच की मांग की है। वहीं विजय उपाध्याय ने पत्र में यह भी लिखा है कि पूर्व तहसीलदार ने हल्का पटवारी को अतिक्रमण का प्रकरण तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा था। वर्तमान तहसीलदार ने बिना कोई परीक्षण किए सीधे भू स्वामी हक में रिकार्ड दर्ज करने का आदेश दे दिया है, जो उनके द्वारा पदीय कर्तव्य के निर्वहन में लापरवाही का प्रमाण है। जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उपाध्याय ने कहा कि फिलहाल एक पन्ने की शिकायत है। अभी सिंचित असिंचित सहित एक दर्जन शिकायत सरकार को सौंपेंगे।
भौतिक सत्यापन से कई चौकाने वाले जानकारी आएगी- विजय
उपाध्याय का कहना है कि अभी विभागीय अधिकारियों को शिकायत की गई है इसके बाद विधि विभाग को जानकारी भेजी जाएगी। नवागढ़ तहसील कार्यालय में जब प्रमाणीकरण का रिकार्ड खुलेगा तो भौतिक सत्यापन से कई चौकाने वाले जानकारी आएंगे। छोटी जमीन के नाम पर गरीबों का प्रमाणीकरण रोक दिया गया या पटवारी के हाथों लौटा दिया गया। कुछ लोगों के काम समय से पहले किस फार्मूले में हुए, जनता जानती है। नवागढ़ विधानसभा में भू माफिया को संरक्षण प्राप्त है।