Raipur. छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारियों पर सरकार ने एस्मा लगाया है। सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि हड़ताल खत्म कर तुरंत काम में वापसी की जाए। लेकिन सरकार ने जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एस्मा का पत्र जारी किया है, वह हड़ताल 9 जुलाई को ही खत्म हो गई है। जिसके बाद इस पत्र के आने से स्वास्थ्य कर्मचारी भी हैरान हो गए हैं। हालांकि बाद में अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि यह आदेश एनएचएम कर्मचारियों के लिए रहा है।
आदेश का कोई औचित्य नहीं- आलोक मिश्रा
स्वास्थ्य संगठन के प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा ने द सूत्र से खास बातचीत की है। इस दौरान सरकार के इस आदेश से वह भी चकित नजर आए हैं। आलोक मिश्रा का कहना है एस्मा सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों पर लगाई है लेकिन हमारी हड़ताल तो 9 जुलाई को ही खत्म हो गई है। जिसके बाद इस आदेश का कोई औचित्य नहीं रह गया है। मुझे लगता है कि यह पहले से ही प्रक्रिया में था इसलिए अचानक जारी हो गया। हमारी मांग है कि सरकार उसको वापस ले ले। हमारा आंदोलन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने चर्चा के बाद समाप्त करवा दिया है। इस विषय पर अधिकारियों से चर्चा की जा रही है।
9 जुलाई को ही खत्म हो गई हड़ताल
9 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टी एस सिंह देव ने स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। जिसमें कई मांगों पर चर्चा की गई है। जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि संघ द्वारा 4 जुलाई से चल रही हड़ताल को समाप्त कर दिया गया। मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य कर्मचारियों के मांगों के विषय में विस्तार से चर्चा की और इसी संबंध में ज्ञापन भी सौंपा।
NHM कर्मिचारियों के लिए एस्मा
स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद भी यह लेटर जारी होना बड़ी चूक हो सकती थी। लेकिन इस विषय पर जब अधिकारियों से द सूत्र बात की तो उन्होंने बताया कि यह एनएचएम कर्मचारियों के लिए है। वहीं लेटर में नजर डालें तो उसमें कहीं भी एनएचएम या संविदा शब्द का जिक्र ही नहीं है। आदेश के जारी होने के कुछ घंटो तक स्वास्थ्य कर्मचारी भी हैरान रहे हैं।