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छत्तीसगढ़ में 10 हजार से ज्यादा अवैध घुसपैठिए या अवैध प्रवासी हैं। इसमें अधिकांश बांग्लादेशी हैं, जो 10-15 साल पहले छत्तीसगढ़ आए हैं। अवैध तरीके से दस्तावेज तैयार कर रह रहे हैं। सिर्फ रायपुर में ही 1 हजार से ज्यादा घुसपैठिए हैं। यह जानकारी खुफिया विभाग की रिपोर्ट से मिली है।
अब इनकी जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कर रही है। इसमें बांग्लादेशी के अलावा पाकिस्तानी व म्यांमार के अवैध घुसपैठिए शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के दक्षिण और उत्तर हिस्से में घुसपैठिए ज्यादा हैं। जो नाम बदलकर और फर्जी दस्तावेज के आधार पर यहां रह रहे हैं।
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आसानी ने बना रहे फर्जी दस्तावेज
रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि किसी को भी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड बनाने के लिए भारत के किसी भी राज्य की अंकसूची चाहिए। अंकसूची प्राथमिक दस्तावेज होता है, जिसके आधार पर अन्य दस्तावेज बनता है। क्योंकि अंकसूची में नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि होती है। इसी से आधार कार्ड बनाया जा सकता है। घुसपैठिए सबसे पहले अवैध अंकसूची बनवाते हैं, जिसके आधार पर बाकी दस्तावेज तैयार करते हैं।
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ऐसे बना रहे फर्जी दस्तावेज
- किसी भी स्कूल में पैसा देखकर 5वीं और 8वीं की अंकसूची बनवाई जाती है।
- जहां भी किराए पर रहते हैं वहां के मकान मालिक से किरायानामा बनवाया जाता है।
- किरायानामा के आधार पर स्थानीय पार्षद से सत्यापन कराया जाता है।
- उसके बाद आधार कार्ड के लिए आवेदन किया जाता है।
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- आधार कार्ड बनने पर पैन कार्ड के लिए आवेदन किया जाता है।
- आधार कार्ड और पैन कार्ड के आधार पर बैंक में खाता खुलवाया जाता है।
- इन दस्तावेजों के आधार पर पहले वोटर आईडी बनवाते हैं।
- उसके बाद स्थानीय पार्षद की मदद से राशन कार्ड तैयार किया जाता है।
- फिर किसी एजेंट को मोटी रकम देकर पासपोर्ट व वीसा बनाया जाता है।
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