भिलाई स्टील प्लांट में करीब 1500 बांग्लादेशी मजदूर... होगी जांच
भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में ठेका श्रमिक के रूप में लगभग 2,500 बांग्ला भाषी मजदूर कार्यरत हैं। इनमें से प्लांट के अंदर काम कर रहे लगभग 1,500 की नागरिकता को लेकर गंभीर आशंका जताई गई है कि वे बांग्लादेशी हो सकते हैं।
भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में ठेका श्रमिक के रूप में लगभग 2,500 बांग्ला भाषी मजदूर कार्यरत हैं। इनमें से प्लांट के अंदर काम कर रहे लगभग 1,500 की नागरिकता को लेकर गंभीर आशंका जताई गई है कि वे बांग्लादेशी हो सकते हैं। यह जानकारी एक गोपनीय रिपोर्ट में सामने आई है। संयंत्र में लगभग 28,000 ठेका श्रमिक कार्यरत हैं। सूत्रों के अनुसार, पहले से तैयार एक गोपनीय सूची में अधिकांश संदिग्ध श्रमिकों को पश्चिम बंगाल से जुड़ा पाया गया है।
इनमें से कई के पास महाराष्ट्र से जारी किए गए आधार कार्ड और राशन कार्ड भी मिले हैं। इनकी जांच की जा रही है। पुलिस और खुफिया विभाग अब दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में जुटे हैं। मामले में कुछ ठेकेदारों की भूमिका भी जांच के घेरे में है। आरोप है कि कई ठेकेदार बिना जांच के इन श्रमिकों को काम पर लगा रहे हैं। पुलिस ने निर्देशित किया है कि जांच पूरी होने तक किसी श्रमिक को कार्यमुक्त न करें।
भिलाई इस्पात संयंत्र में कितने बांग्ला भाषी ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं और कितनों पर नागरिकता को लेकर संदेह है?
भिलाई इस्पात संयंत्र में लगभग 2,500 बांग्ला भाषी ठेका श्रमिक कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग 1,500 श्रमिकों की नागरिकता को लेकर संदेह है कि वे बांग्लादेशी हो सकते हैं।
संदिग्ध श्रमिकों के पास कौन-कौन से दस्तावेज पाए गए हैं और वे कहाँ से जारी हुए हैं?
संदिग्ध श्रमिकों के पास महाराष्ट्र से जारी किए गए आधार कार्ड और राशन कार्ड पाए गए हैं, जिनकी वर्तमान में जांच की जा रही है।
ठेका श्रमिकों की नियुक्ति को लेकर किनकी भूमिका जांच के दायरे में है?
कुछ ठेकेदारों की भूमिका जांच के घेरे में है, जिन पर बिना दस्तावेजों की उचित जांच किए संदिग्ध श्रमिकों को काम पर रखने का आरोप है।