यूनिवर्सिटी में 159 हिंदू छात्रों में पढ़ाई नमाज...हटाए गए 12 अधिकारी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में NSS कैंप में नमाज पढ़ाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के NSS कैंप में हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने का दावा है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में NSS कैंप में नमाज पढ़ाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के NSS कैंप में हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने का दावा है। इसके बाद ABVP और हिंदू संगठनों ने यूनिवर्सिटी परिसर में 6 घंटे तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने रजिस्ट्रार दफ्तर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। पुलिस अफसरों की मौजूदगी में कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने छात्र नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद NSS को भंग करते हुए सभी 12 कोऑर्डिनेटर को हटाने का आदेश जारी किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सनातन संस्कृति को ठेस पहुंचाना निंदनीय है। इस घटना में शामिल सभी शिक्षकों को विश्वविद्यालय से बाहर किया जाए और कुलपति सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। विरोध-प्रदर्शन के दौरान छात्रों की भीड़ रजिस्ट्रार दफ्तर में पहुंच गई।
इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्रार कक्ष में हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही कहा गया कि, भविष्य में किसी धार्मिक गतिविधि को शिविरों में स्थान नहीं दिया जाए। इसे लेकर दिनभर विश्वविद्यालय में माहौल गरमाया रहा।
आखिरकार, छात्र नेताओं की मांग पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल को अपने ऑफिस से बाहर निकलना पड़ा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। इसके बाद छात्रों को भरोसा दिलाया कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। छात्रों की मांग पर उन्होंने तत्काल प्रभाव से NSS इकाई को भंग करते हुए सभी 12 कार्यक्रम अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही भरोसा दिलाया है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी 48 घंटे के भीतर अपना रिपोर्ट देगी।
गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में NSS कैंप को लेकर विवाद क्यों हुआ?
विवाद इसलिए हुआ क्योंकि दावा किया गया कि NSS कैंप में हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाई गई। इस घटना को लेकर ABVP और हिंदू संगठनों ने विरोध जताते हुए यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें क्या थीं?
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि इस घटना में शामिल सभी शिक्षकों को विश्वविद्यालय से बाहर किया जाए, कुलपति सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, और भविष्य में शिविरों में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि न हो।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस विवाद के बाद क्या कदम उठाए?
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने NSS इकाई को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया और सभी 12 कार्यक्रम अधिकारियों को हटा दिया। साथ ही, कुलपति ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन देते हुए 48 घंटे में रिपोर्ट देने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है।
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