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रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार को डेढ़ साल हो गए लेकिन सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी का फुलप्रूफ मॉडल तैयार नहीं हो पाया है। सरकार सबसे ज्यादा रोजगार के लिए बाहरी इन्वेस्टमेंट पर निर्भर है जबकि निवेश उस रफ्तार से प्रदेश में आ नहीं पा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार का रोजगार ग्राफ बहुत कमजोर है। पिछले डेढ़ साल में सरकार महज 7 हजार लोगों को रोजगार दिलवा पाई है। जून 2025 की स्थिति में बेरोजगारों की संख्या 16 लाख है। यह वे लोग हैं जो पढ़े लिखे हैं और जिन्होंने रोजगार कार्यालयों में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
बेरोजगारों की संख्या और रोजगार पाने वालों का आंकड़ा, दोनों सरकारी हैं। यानी सरकार अब तक प्लेसमेंट के नाम पर छोटे मोटे रोजगार ही दिला पाई है।
हे सरकार, दीजिए रोजगार
हे सरकार,दीजिए रोजगार। युवाओं की यह सबसे बड़ी मांग है। न सरकारी भर्तियां हो पा रही हैं। न व्यापम या पीएससी की भर्ती परीक्षाएं हो पा रही हैं। और न ही जो परीक्षाएं हुई है उनके नतीजे आ पा रहे हैं। सरकार जिला स्तर पर छोटी छोटी प्लेसमेंट एजेंसियों को हायर कर छुटपुट रोजगार उपलब्ध करा पा ही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में करीब 16 युवा बेरोजगार हैं। यह वो आंकड़ा है जो रोजगार के पंजीयन कार्यालयों से हासिल हुआ है। सरकार बनने से जून 2025 के रोजगार के आंकड़े देखें तो यह रिपोर्ट बेहद कमजोर है। सरकार महज 7 हजार युवाओं को रोजगार मुहैया करा पाई है।
यह न तो सरकारी भर्तियां हैं और न ही कोई बड़ी कंपनी में रोजगार बल्कि प्रदेश की छोटी कंपनियों में काम चलाउ रोजगार मुहैया कराया गया है। तत्कालीन रोजगार मंत्री विजय शर्मा के अपने गृह जिले में ही करीब 250 लोगों को काम मिला है। हालांकि अब रोजगार मंत्री बदल गए हैं और विजय शर्मा से ये प्रभार ले लिया गया है। अब यह विभाग नए मंत्री गुरु खुशवंत साहेब के पास है।
यह है जिलावार बेरोजगारों की स्थिति
- दुर्ग - 113571
- बिलासपुर - 105474
- जांजगीर चांपा - 100180
- राजनांदगांव - 94346
- रायपुर - 93196
- रायगढ़ - 66436
- कांकेर - 61166
- महासमुंद - 60975
- जशपुर - 55420
- कबीरधाम - 52040
- कुल - 1624105
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ये है रोजगार की स्थिति
- राजनांदगांव - 1173
- रायपुर - 978
- दुर्ग - 918
- जांजगीर चांपा - 746
- बिलासपुर - 561
- रायगढ़ - 450
- सूरजपुर - 398
- कबीरधाम - 268
- कांकेर - 155
- जशपुर - 114
यहां मिला रोजगार
सिक्युरिटी सर्विस, ब्यूटी सेलून, होम केयर, बीमा सेवा केंद्र, लाइफ इंश्योरेंस, सुमित बाजार, एयरटेल फाइबर,विक्टर फाइनेंस,श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस,पब्लिक स्कूल
निवेशकों से उम्मीद
काम कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता लेकिन हमने इन एजेंसियों के नाम इसलिए बताए हैं क्योंकि सरकार सिर्फ इस स्तर पर युवाओं को रोजगार मुहैया करा पाई है। सिक्युरिटी एजेंसी, छोटी छोटी दुकानों, पब्लिक स्कूल में इन युवाओं को काम मिला है। यह वे युवा हैं जो पढ़े लिखे बेरोजगार हैं।
सरकार को सबसे ज्यादा उम्मीद उन निवेशकों से है जिन्होंने छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने का वादा किया है। लेकिन उद्योग अभी उम्मीद के अनुसार आए नहीं हैं। सरकार ने उद्योग नीति में भी यह जरुरी किया है कि यहां की जमीन पर फैक्टरी लगाने वालों को स्थानीय युवाओं को नौकरी देना जरुरी होगा। जब उद्योग लगेंगे तब शायद यहां के युवाओं को बेहतर रोजगार मिल सकेगा।