जलसंवर्धन की आड़ में 18 लाख की लूट, दो अफसरों पर शिकंजा!

छत्तीसगढ़ के मरवाही वनमंडल में एक बड़े फर्जी भुगतान घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें 18 लाख रूपए से अधिक की रकम का गबन हुआ है। इस घोटाले में मरवाही रेंजर रमेश खैरवार और संलग्न अधिकारी अविनाश एमान्यूअल मुख्य आरोपी हैं।

author-image
thesootr Network
New Update
18 lakhs looted in the name of water conservation, two officers arrested! the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ के मरवाही वनमंडल में एक बड़े फर्जी भुगतान घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें 18 लाख रूपए से अधिक की रकम का गबन हुआ है। इस घोटाले में मरवाही रेंजर रमेश खैरवार और संलग्न अधिकारी अविनाश एमान्यूअल मुख्य आरोपी हैं। इन दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने जलसंवर्धन संरचनाओं के नाम पर फर्जी बिल बनवाकर सरकारी धन का गबन किया।

फर्जी बिल के जरिए किया गया भुगतान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने जलसंवर्धन संरचनाओं के लिए बनवाए गए फर्जी बिलों के माध्यम से 18,27,214 रूपए की राशि का गबन किया। इन फर्जी बिलों को सरकारी खजाने से भुगतान के रूप में जारी किया गया, जबकि इन कार्यों का वास्तविकता में कोई आधार नहीं था। बिलों में विभिन्न जलसंवर्धन योजनाओं के नाम पर फर्जी कामों का उल्लेख किया गया, जिन्हें कभी भी जमीन पर नहीं उतारा गया।

ये खबर भी पढ़ें... करोड़ों के घोटाले का लगा दिया आराेप, पर ED के पास सबूत नहीं...

मुख्य आरोपी रेंजर और संलग्न अधिकारी 

इस मामले में मरवाही वनमंडल के रेंजर रमेश खैरवार और संलग्न अधिकारी अविनाश एमान्यूअल पर आरोप है कि उन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया। खैरवार और एमान्यूअल ने मिलकर सरकारी खजाने से पैसे निकाले और फर्जी बिलों को पास करने में मदद की। दोनों अधिकारियों का नाम जांच में सामने आया है, और अब पुलिस इनकी भूमिका की गहनता से जांच कर रही है।

जांच की शुरुआत और कार्रवाई

घोटाले का खुलासा उस समय हुआ जब वन विभाग की आंतरिक जांच और राज्य सरकार के अधिकारियों की निगरानी टीम ने इस मामले पर ध्यान दिया। प्रारंभिक जांच में फर्जी बिलों के दस्तावेज़ पाए गए, जिनके आधार पर भारी मात्रा में सरकारी धन का गबन किया गया था। अब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, और जांच जारी है।

ये खबर भी पढ़ें... रिश्वतखोरी की शिकायत मिलने पर अब सीधे कलेक्टर होंगे सस्पेंड

नुकसान और सरकारी प्रतिक्रिया 

इस फर्जी भुगतान मामले से सरकारी खजाने को 18 लाख रूपए से अधिक का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। वन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में सख्त जांच की बात कही है, ताकि भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोका जा सके।

ये खबर भी पढ़ें... फोर्स पर नक्सलियों का बड़ा हमला, बम धमाके में STF के दाे जवान घायल

आगे की कानूनी कार्रवाई

मरवाही वनमंडल में फर्जी भुगतान के इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने पुलिस को निर्देश दिया है कि मामले की गहनता से जांच की जाए और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू हो सकती है।

सरकार का यह स्पष्ट संदेश है कि अगर सरकारी धन के गबन में किसी अधिकारी की भूमिका पाई जाती है, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी, और इस तरह के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

ये खबर भी पढ़ें... ग्रामीणों को बैंक नहीं अटल डिजिटल केंद्र से मिलेगी नगदी

 

looted | water conservation | Officers | arrested | गौरेला-पेंड्रा-मरवाही न्यूज़

looted water conservation Officers arrested छत्तीसगढ़ गौरेला-पेंड्रा-मरवाही न्यूज़