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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला सहकारी और केंद्रीय बैंक की शंकरगढ़ और कुसमी शाखाओं में सामने आए करोड़ों के घोटाले ने पूरे बैंकिंग सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में अब तक 28 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता उजागर हो चुकी है। पुलिस ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक अशोक कुमार सोनी समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कुल 12 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है।
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10 वर्षों तक चला फर्जीवाड़ा
यह घोटाला वर्ष 2012 से लेकर 2024 के बीच का है। शंकरगढ़ और कुसमी की सहकारी बैंक शाखाओं में फर्जी खातों के जरिए करोड़ों की रकम निकाली गई। प्रारंभिक ऑडिट रिपोर्ट में 23 करोड़ रुपए की गड़बड़ी सामने आई थी, जो अब बढ़कर 28 करोड़ हो गई है। अभी भी ऑडिट प्रक्रिया जारी है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
FIR में दर्ज नाम और आरोप
बलरामपुर जिले के कुसमी थाना में FIR दर्ज की गई है। जिन 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें शामिल हैं:
अशोक कुमार सोनी – तत्कालीन शाखा प्रबंधक (मुख्य आरोपी)
विकासचंद पांडवी – सेवानिवृत्त पर्यवेक्षक
एतवल सिंह – सेवानिवृत्त समिति प्रबंधक
विजय कुमार उईके – सेवामुक्त प्रबंधक
समल साय – सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक
जगदीश प्रसाद – सहायक लेखापाल
ताबरक – लिपिक
लक्ष्मण देवांगन – संस्था प्रबंधक
राजेंद्र प्रसाद पांडेय – मुख्य पर्यवेक्षक
सुदेश कुमार यादव – समिति प्रबंधक, जमड़ी
प्रकाश कुमार सिंह – कंप्यूटर ऑपरेटर
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राजेंद्र गुप्ता
इन सभी पर IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग), 120B (आपराधिक साजिश) और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ऐसे हुआ घोटाला
मुख्य आरोपी अशोक कुमार सोनी ने शंकरगढ़ शाखा में 10 वर्षों तक कार्यरत रहते हुए फर्जी खातों की श्रृंखला तैयार की। इन खातों से नकद और ऑनलाइन माध्यम से भारी मात्रा में रकम निकाली गई। समितियों के नाम पर बनाए गए खातों से भी रकम ट्रांसफर की गई। कुसमी शाखा में सिर्फ 111 डेबिट वाउचर के जरिए ही 19 करोड़ की राशि निकाली गई।
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पैसे कहां-कहां गए?
जांच में खुलासा हुआ है कि अशोक कुमार सोनी के व्यक्तिगत खाते में 1.36 करोड़ रुपए, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश कुमार सिंह के खाते में 4.64 लाख रुपए, महामाया कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में 30 लाख रुपए और अंबिकापुर के एक ज्वेलर्स के अकाउंट में 1.5 करोड़ रुपए गए। इन सभी लेनदेन की पुष्टि जांच रिपोर्ट में की गई है।
प्रशासन की कार्रवाई
जांच के आदेश सरगुजा कलेक्टर एवं जिला सहकारी बैंक के प्राधिकृत अधिकारी विलास भोस्कर ने दिए थे। उन्हीं के निर्देश पर बलरामपुर पुलिस को रिपोर्ट सौंपी गई और FIR दर्ज की गई। अब तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, बाकी की तलाश जारी है।
अधिकारी का बयान
विलास भोस्कर का कहना है, “पिछली जांच में 23 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई थी, लेकिन विस्तृत ऑडिट में यह आंकड़ा बढ़कर 28 करोड़ हो गया है। ऑडिट अभी जारी है और घोटाले की राशि और अधिक हो सकती है।”
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