स्कूल शिक्षा में 63 हजार पद खाली, 5000 शिक्षकों की नियुक्ति से मिलेगी थोड़ी राहत
युक्तयुक्तिकरण के कारण हो रहे विरोध के बीच में शासन की तरफ से एक राहत भरी खबर आई है। प्रदेश में 5000 शिक्षकों के नियुक्ति की प्रक्रिया का प्रस्ताव बनकर तैयार हो गया है।
युक्तयुक्तिकरण के कारण हो रहे विरोध के बीच में शासन की तरफ से एक राहत भरी खबर आई है। प्रदेश में 5000 शिक्षकों के नियुक्ति की प्रक्रिया का प्रस्ताव बनकर तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जून में ही इसकी घोषणा की थी। लोक शिक्षण संचालनालय भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए संशोधित प्रस्ताव स्कूल शिक्षा सचिव को भेज दिया है, जिसके अनुमोदन के बाद आधिकारिक नोटिफिकेशन जल्द जारी होने की संभावना है।
शिक्षा विभाग के डाटा के अनुसार, 63 हजार 53 पदों में से 19 हजार 452 पद पदोन्नति और 43 हजार 601 पद सीधी भर्ती के हैं। इसमें सहायक शिक्षक के 33178 में सभी पद सीधी भर्ती के हैं। ऐसे ही शिक्षक के 10 हजार 883 में से 5442 पद सीधी भर्ती और 5441 पद पदोन्नति के है। व्याख्याता के 9246 पदों में 4623 सीधी और 4623 पदोन्नति के, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के 2119 में से सभी पद पदोन्नति और प्रधान पाठक माध्यमिक शाला के भी सभी 4045 पद पदोन्नति के हैं। साथ ही प्राचार्य के 3582 पदों में से 358 पद सीधी भर्ती और 3224 पद पदोन्नति के हैं।
राज्य में हर साल लगभग 8 हजार शिक्षकों के पद रिक्त होते हैं। ऐसे में स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित होती है। स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सरकार को प्लान बनाना चाहिए। हर साल जो भी पद खाली हो रहे हैं उनके लिए पहले ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। इससे भर्ती और पदोन्नति होती रहेगी, जिससे शिक्षकों में भी आक्रेाश नहीं में होगा।
युक्तयुक्तिकरण के बाद सीएम साय ने जल्द ही शिक्षकों के पदों को भरने का वादा किया था। जिसके आधार पर DPI ने प्रक्रिया करते हुए प्रस्ताव तैयार किया और इसके अनुमोदन के लिए शासन स्तर पर मंत्रालय भेज दिया है।