शिवशंकर सारथी, RAIPUR. ACB दफ्तर के बाहर खड़ी शासकीय कारें ही गवाही दे रही है कि साहब लोग काम पर हैं। अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और अरविन्द सिंह से आज भी गहन पूछताछ हुई। तीनों ही आरोपियों से पूछने के लिए सवालों की लंबी लिस्ट है। होलोग्राम, अवैध शराब, चुनिंदा शराब कम्पनियां और चुनिंदा ब्रांड्स ही क्यों, का जवाब निकालने की कोशिश हुई।
बीजेपी को एक बड़ा राजनीतिक लाभ होगा !
2200 करोड़ के लिकर स्कैम के आरोपियों ने ACB-EOW के अधिकारियों से आज रविवार छुट्टी के दिन भी काम लिया। एक बड़ा स्कैम जिसे, यदि सुलझा दिया गया तो बीजेपी को एक बड़ा राजनीतिक लाभ भी होगा। लिकर स्कैम का अहम कड़ी अनवर ढेबर का परिवार कांग्रेस के प्रति समर्पित रहा है। अनवर का छोटा भाई रायपुर नगर निगम का महापौर है। वैसे तो कारोबारी जिधर दम उधर हम की नीति पर काम करते हैं। ED ने अनवर को जिस होटल से गिरप्त में लिया था, उस होटल के डायरेक्ट के बारे में रायपुर लोकसभा उम्मीदवार ने एक बार कहा था कि हमारी सरकार गई तो तुमने पलटी मार दी।
आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ हुई
राज्य की जांच एजेंसी के कार्यालय में रोज की तरह कामकाज हो रहा है। बल्कि, आज शायद ज्यादा काम हो रहा है। जांच अधिकारी जहां पूछताछ में लगे हैं वहीं अधीनस्थ अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने एसपी जैसे उच्च अधिकारी भी कार्यालय में ही बैठे हैं। कार्यालय के बाहर काफिले की शक्ल में खड़ी कारें बता रही है की गिरफ्त में रहे आरोपियों की खैर खबर ली जा रही है। इधर, आज भी दिन भर गहन पूछताछ की खबरें हैं। आज अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और अरविन्द सिंह से अलग-अलग पूछताछ हुई है। कल सोमवार को तीनों ही आरोपियों को एक साथ बिठाकर पूछताछ करने लायक बयान दर्ज हो जाए, इस कोशिश में अधिकारी लगे हैं।
घोटाला कहां कहां और कैसे?
1.चुनिंदा कम्पनीज के चुनिंदा ब्रांड्स ही शासकीय दुकानों से बेचा गया।
2. चुनिंदा ब्रांड्स ओवर रेट्स में बेचे गए।
3.ओवर रेट्स के साथ ही बिना बिल के ही शराब बड़े पैमाने पर बेची गई।
4. बिना बिल की बिक्री की वजह खरीददारो की भीड़ बताई गई।
5. ओवर रेट्स, बिना बिलिंग नकली होलोग्राम जैसे sharab3रुपयों के लिए अलग गल्ले का इस्तेमाल होता था।
6. ओवर रेट्स, नकली होलो ग्राम वाली शराब की बिक्री का स्टाफ अलग था।
7. खरीद, स्टॉकिंग और परिवहन, नकली होलोग्राम और बोतल्स में भी कमाई की गई। इन सारे सवालों का जवाब अरुण पति त्रिपाठी और अनवर ढेबर से पूछा जा रहा है।
रेड्स के दौरान मिले पेपर्स भी खंगाले गए
अरुणपति त्रिपाठी ने फिलहाल, राज नहीं खोले हैं, जबकि अनवर ढेबर के टूटने की बात अफसरों ने नाम न छापने की शर्त पर the sootr बताई है। शुरूआती रेड्स और बयान ने जांच एजेंसी को थोड़ी राहत दी है। रिमांड के बचे दिनों में जांच अधिकारी सफल हो सकने की स्थिति में दिख रहे हैं। आज आरोपियों से पूछताछ के आलावा रेड्स के दौरान मिले पेपर्स को भी खंगाला गया है। साथ ही, जब्त इलेक्ट्रॉनिक सामानों को एक्सपर्ट्स के पास भेजने का पेपर वर्क किया। अनवर ढेबर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी है। ढेबर के टूटने से ऐसा बताया जा रहा है कि भूपेश बघेल की परेशानी बढ़ सकती है।