RAIPUR. जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज (Acharya Vidyasagar Maharaj) चंद्रगिरि पर्वत पर पंचतत्व में विलीन हो गए। छत्तीसगढ़ में आधे दिन का शोक रहा। आचार्य ने देर रात 2 बजकर 30 मिनट पर समाधि ले ली थी। डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि पर्वत पर उनके हजारों अनुयायियों ने उन्हें नमन किया।
अन्न-जल त्याग चुके थे आचार्य
आचार्य विद्यासागर महाराज कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। पूर्ण जागृत अवस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्यागते हुए 3 दिन का उपवास लिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था। इसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। आचार्य विद्यासागर महाराज जैन धर्म के एक महान संत और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेलगावी जिले के सदलगा में हुआ था। उनका जन्म नाम विद्याधर था।
पीएम मोदी ने दी भावपूर्ण विनयांजली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य श्री की समाधि पर भावपूर्ण विनयांजली दी। पीएम मोदी ने अपनी X पोस्ट में लिखा- मेरे विचार और प्रार्थनाएं आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के अनगिनत भक्तों के साथ हैं। आने वाली पीढ़ियां उन्हें समाज में उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी। विशेषकर लोगों में आध्यात्मिक जागृति के उनके प्रयासों, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी। मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। मैं पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता। उस समय मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया था। दिल्ली में बीजेपी राष्ट्रीय सम्मेलन में आचार्य के लिए मौन रखा गया।
छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक
जैन मुनि के पंचतत्व में विलीन होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने आधे दिन के शोक की घोषणा की। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इस अवधि के दौरान, राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई भी राज्य समारोह या कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।
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CG के सीएम ने भी किया नमन
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने ट्विटर पर लिखा कि विश्व पूज्य एवं राष्ट्रीय संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में समाधि लेने का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश और दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से समृद्ध करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश और समाज के लिए उनके उल्लेखनीय कार्यों, त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक याद किया जाएगा। मैं चरणों में नमन करता हूं।