अरुण तिवारी, BHOPAL. तीन हजार नेताओं के अलविदा कहने के बाद अब कांग्रेस ( Congress ) को उनसे समन्वय की याद आई है। लगातार पार्टी से जा रहे नेताओं ने कांग्रेस संगठन को चिंता में डाल दिया है। पिछले दो महीने में कांग्रेस के करीब तीन हजार नेता भाजपाई हो गए। अब कांग्रेस ने और टूटन रोकने के लिए एक नया रास्ता अपनाया है। कांग्रेस ने एक समन्वय समिति बनाई है। यह समिति अपने नेताओं से लगातार संपर्क और संवाद करेगी। इसका जिम्मा भी सीनियर नेताओं को सौंपा गया है।
समन्वय समिति में 14 नेता
इस समन्वय समिति में 14 नेताओं को शामिल किया गया है। इनमें दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और छह पूर्व मंत्री हैं। पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू को इसकी कमान सौंपी गई है। इस समिति में धनेंद्र साहू के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्रियों में मोहम्मद अकबर, प्रेमसाय सिंह, जयसिंह अग्रवाल, अनिला भेड़िया, उमेश पटेल और धनेश पाटिला शामिल हैं। इनके अलावा गुरुमुख सिंह होरा, राजेंद्र तिवारी, शैलेष नितिन त्रिवेदी, पद्मा मनहर, आदितेश्वरसरण सिंहदेव को शामिल किया गया है। यह प्रदेश स्तरीय संवाद एवं संपर्क समिति बनाई गई है। यह समिति लोकसभा चुनाव तक नेताओं और कार्यकर्ताओं से संवाद और संपर्क करेगी।
क्या करेगी समिति
दरअसल यह समिति कार्यकर्ताओं की पूछ परख के लिए बनाई गई है। सरकार जाने के बाद कई नेताओं को लगने लगा है कि वे हाशिए पर चले गए हैं। यही कारण है कि वे या तो घर बैठ गए हैं या फिर बीजेपी के रास्ते हो लिए हैं। इस समिति के नेता सभी वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद करेंगे। पार्टी को तब पता चलता है जब कोई उनका साथ छोड़कर चला जाता है। अब ऐसी स्थिति न आए और कार्यकर्ताओं की नाराजगी पहले ही पता चल जाए ऐसी व्यवस्था की जाएगी। कार्यकर्ताओं या नेताओं को किसी तरह की नाराजगी है या वे उपेक्षा का भाव महसूस कर रहे हैं तो उनको जिम्मेदारी देकर मनाया जाएगा। जो लोग पार्टी छोड़कर चले गए हैं वे यदि वापस आना चाहे तो ये नेता उनकी घर वापसी का रास्ता भी तैयार करेंगे।
बीजेपी तोड़ेगी तो कांग्रेस जोड़ेगी
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला कहते हैं कि बीजेपी ने अपने महामंत्री को दलबदल का प्रभार दिया है। ये महामंत्री वार्ड स्तर से जिला और प्रदेश स्तर के नेताओं को खोजकर, उनको धमकाकर और प्रलोभन देकर दलबदल करा रहे हैं। बीजेपी को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं रहा इसलिए आयातित नेताओं के भरोसा चुनाव लड़ रही है। शुक्ला ने कहा कि बीजेपी तोड़ने का और कांग्रेस जोड़ने का काम कर रही है। बीजेपी की ये राजनीति अब चल नहीं पाएगी।