Chhattisgarh Balodabazar violence : बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया है। आगजनी मामले में पुलिस ने कोर्ट में 2500 पेज का चालान पेश किया है। बता दें कि, आगजनी मामले में की कार्रवाई में पुलिस ने 356 आरोपी माना है। इसमें भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव समेत 183 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
अब तक इतनी हुई कार्रवाई
बता दें कि, अब तक सिटी कोतवाली थाना की पुलिस ने दर्ज 13 एफआईआर में 10 चालान पहले ही पेश कर चुकी है। वहीं संयुक्त जिला कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जलाए जाने के दो मामलों में 61 आरोपी बनाए गए थे, जिसका चालान पेश किया गया। पुलिस के मुताबिक, आगजनी के इस पूरे अपराध में 356 आरोपी शामिल हैं। जिसमें 183 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे भड़की नफरत की आग...
बलौदाबाजार के इस हिंसा की रणनीति पहले ही तय कर ली गई थी। इसे अंजाम देने प्रदर्शन के बहाने करीब 5000 से ज्यादा लोग जुट गए। हजारों में लोगों की संख्या देखकर पुलिस भी भौचक्की रह गई। वहीं इस प्रदर्शन को निंयत्रित करने के लिए सवा सौ के करीब पुलिसकर्मी मौजूद थे। इस प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी पुलिस को धक्का देते हुए सीधे कलेक्ट्रेट भवन घुस गए।
प्रदर्शन करने से पहले प्रदर्शनकारी दोपहर में एक साथ जुट गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारी साढ़े तीन बजे तक कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंच गए। इसके बाद हंगामा मचाना शुरू कर गिया। सवा चार बजे तक कलक्ट्रेट भवन और एसपी ऑफिस को आग के हवाले कर दिया। साढ़े पांच बजे तक खूब बवाल काटा।
बलौदाबाजार-भाटापारा हिंसा का मामला
आगजनी की यह घटना 10 जून को बलौदाबाजार में घटी थी। यह हिंसा उस समय हुई जब सतनामी समाज ने एक धार्मिक ढांचे की तोड़फोड़ के विरोध किया। इस मामले को लेकर सतनामी समाज में आक्रोश का माहौल बना हुआ था। प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने सरकारी कार्यालय और 150 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इससे पहले मई में गिरौदपुरी धाम में सतनामी समाज के पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तोड़ दिया गया था, जिसके विरोध में यह प्रदर्शन हुआ था।
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