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Raipur.छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के बीच एक बड़ी ख़बर सामने आई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को अपने बेटे चैतन्य बघेल से मिलने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे, जो इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। भूपेश बघेल के साथ उनकी पत्नी, बहू और परिवार के अन्य सदस्य भी जेल परिसर पहुंचे, जिससे जेल के बाहर हलचल तेज हो गई। चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और वह तभी से न्यायिक हिरासत में हैं।
चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ की संपत्ति अटैच
प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में अपनी जांच तेज करते हुए हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत चैतन्य बघेल की ₹61.20 करोड़ की संपत्ति अटैच की है। अटैच की गई संपत्तियों में मुख्य रूप से 364 आवासीय प्लॉट और कृषि भूमि के टुकड़े शामिल हैं।
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शराब घोटाले में 2500 करोड़ की अवैध कमाई का खुलासा
ED ने यह जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी। इस FIR में IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की संबंधित धाराएं लगाई गई थीं। ED की विस्तृत जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इस पूरे घोटाले से राज्य सरकार के खजाने को भारी नुकसान पहुँचाया गया। अवैध तरीके से लगभग ₹2500 करोड़ की कमाई का खेल सिंडिकेट द्वारा चलाया गया था।
ऐसे समझें पूरा मामला
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सिंडिकेट का प्रमुख था चैतन्य बघेल
ED की जांच रिपोर्ट में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि चैतन्य बघेल इस पूरे शराब सिंडिकेट के सर्वोच्च स्तर पर थे। एजेंसी का दावा है कि अपनी स्थिति और उच्च राजनीतिक प्रभाव के कारण, चैतन्य बघेल ही पूरे अवैध नेटवर्क के नियंत्रक और फैसले लेने वाले व्यक्ति थे। सिंडिकेट द्वारा अवैध रूप से इकट्ठा की गई रकम का हिसाब-किताब वही रखते थे। कलेक्शन, चैनलाइजेशन और वितरण से जुड़े सभी प्रमुख निर्णय उनके निर्देशन पर लिए जाते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अपने बेटे से जेल में मिलने पहुंचना इस हाई-प्रोफाइल मामले में राजनीतिक और भावनात्मक रूप से एक महत्त्वपूर्ण घटना है। जांच एजेंसिया इस पूरे नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।
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