कैबिनेट विस्तार को भूपेश बघेल ने बताया अवैधानिक,कहा- कब मिली 14 मंत्री बनाने की अनुमति?

छत्तीसगढ़ की साय सरकार में हुए 14 मंत्रियों के विस्तार पर अब सियासी घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे अवैधानिक बताते हुए बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर बिना अनुमति सरकार ने इतना बड़ा मंत्रिमंडल कैसे बना लिया?

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Harrison Masih
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Sai Cabinet Expansion Controversy: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री साय के मंत्रिमंडल का विस्तार आखिरकार हो गया है। इस विस्तार में तीन नए चेहरों को शामिल किया गया है, जिसके बाद अब कुल मंत्रियों की संख्या 14 हो गई है। लेकिन यह विस्तार शुरू होते ही सियासी विवादों में घिर गया है।

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कैबिनेट विस्तार पर क्या है भूपेश बघेल का सवाल?

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल में 14 मंत्रियों की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए इसे कानून का उल्लंघन करार दिया है। बघेल ने याद दिलाया कि 2003 में बने प्रावधान के अनुसार किसी भी राज्य में मंत्रियों की संख्या विधानसभा सदस्यों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 विधायक हैं, जिसके आधार पर 13.5 मंत्री बन सकते हैं। यानी नियम के हिसाब से मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

लेकिन बघेल ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के समय उन्होंने मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था, जिसे मंजूरी नहीं मिली थी। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि साय सरकार को 14 मंत्रियों की अनुमति कब और कैसे मिली?

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हरियाणा मॉडल का हवाला

साय सरकार ने इस विस्तार को हरियाणा मॉडल के आधार पर सही ठहराया है। हरियाणा विधानसभा में भी 90 विधायक हैं और वहां भी मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्री हैं। छत्तीसगढ़ में भी इसी आधार पर मंत्रियों की संख्या 14 की गई है। हालांकि, छत्तीसगढ़ के गठन से अब तक परंपरागत रूप से केवल 13 मंत्री ही बनाए जाते रहे हैं।

तीन नए मंत्रियों को मिली अहम जिम्मेदारियां

राज्यपाल रमेन डेका ने राजभवन में तीन नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

  • गजेंद्र यादव – स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग
  • गुरु खुशवंत साहेब – कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, अनुसूचित जाति विकास विभाग
  • राजेश अग्रवाल – पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग

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क्या है साय कैबिनेट विस्तार विवाद?

  1. 14 मंत्रियों की नियुक्ति – मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ कैबिनेट विस्तार करते हुए 14 मंत्रियों को जगह दी, जिसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।

  2. भूपेश बघेल का आरोप – पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे कानून उल्लंघन बताते हुए कहा कि यह विस्तार संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।

  3. कानून का हवाला – 2003 के कानून के मुताबिक विधानसभा सदस्यों की संख्या के केवल 15% तक ही मंत्री बनाए जा सकते हैं, यानी 90 विधायकों में अधिकतम 13 मंत्री।

  4. हरियाणा फॉर्मूले की चर्चा – साय सरकार ने हरियाणा के मॉडल को आधार बनाते हुए 14 मंत्रियों को शामिल किया, जहां समान संख्या में विधायक हैं।

  5. राजनीतिक बहस तेज – अब बड़ा सवाल यह है कि क्या साय सरकार को केंद्र से अनुमति मिली थी, या यह निर्णय अवैधानिक माना जाएगा।

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सियासत गरमाई, जवाब का इंतजार

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब छत्तीसगढ़ की सियासत गर्मा गई है। विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि साय सरकार ने 14 मंत्रियों की नियुक्ति किस अनुमति के तहत की। भूपेश बघेल का कहना है कि यदि यह बिना अनुमति हुआ है, तो यह पूरी तरह अवैधानिक है और मुख्यमंत्री को जनता के सामने जवाब देना चाहिए।

अब सबकी नजरें मुख्यमंत्री साय पर हैं कि वे विपक्ष के इन सवालों का क्या जवाब देते हैं।

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