अरुण तिवारी @ RAIPUR. सरकार बदलने के साथ प्रदेश की पूरी सियासत बदल गई है। नई सरकार को अब पिछली सरकार की योजनाएं पसंद नहीं आ रही हैं। विष्णुदेव सरकार ( Vishnudev government ) अब भूपेश सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की फाइल बंद करने जा रही है। वित्त विभाग ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में होने वाले विधानसभा सत्र में सरकार का बजट आएगा। इस बजट में इन योजनाओं पर ताला लगा दिया जाएगा यानी इन पर बजट आवंटन नहीं किया जाएगा। इन योजनाओं का सीधा असर युवा,किसान और आदिवासियों पर पड़ेगा। इन योजनाओं के बंद होने से लोग नाराज न हों इसलिए कुछ योजनाओं को सरकार चालू रख सकती है लेकिन उनका नाम और स्वरुप बदल दिया जाएगा। कुल मिलाकर अब योजनाओं में पिछली सरकार की नहीं बल्कि पूरी तरह बीजेपी सरकार ( BJP government ) की छाप नजर आएगी।
नई सरकार नई योजनाएं
सियासत का रंग ही ऐसा है कि सरकार बदलने के साथ योजनाओं का रंग रुप बदल जाता है। अब यही काम छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार कर रही है। नई सरकार का अभी बजट नहीं आया है क्योंकि सरकार बनने के साथ लोकसभा चुनाव आ गए। अभी सरकार लेखानुदान से ही काम चला रही है। लेखानुदान में भी मोदी की गारंटी के नाम पर चुनाव के पहले घोषित की गई फ्रीबीज को बांटने का ही इंतजाम किया गया। लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में सरकार का बजट आएगा। इस बजट में विष्णुदेव सरकार की पूरी छाप दिखाई देगी। यानी इस बजट में भूपेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा यानी उन पर फंड का प्रावधान नहीं किया जाएगा। कुछ योजनाओं का नाम बदलकर सरकार उन्हें अपने रंग में रंग लेगी।
इन योजनाओं पर लगेगा ताला
गोधन न्याय योजना गोबर,गौमूत्र की खरीदी और उनसे जुड़े उत्पाद बनाना बंद होगा।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना - आदिवासियों को साधने के लिए भूपेश सरकार ने उनके त्यौहारों के लिए ग्राम पंचायत को विशेष फंड का प्रावधान किया था।
छत्तीसगढ़ कल्चर कनेक्ट योजना-इस योजना के जरिए लोगों को धार्मिक स्थलों पर यात्रा करवाई जाती थी।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना-आदिवासी युवाओं को इंजीनियरिंग,मेडिकल और अन्य व्यवसायिक पढ़ाई के लिए सरकार ने यह योजना शुरु की थी। अब इसे बंद करने की तैयारी की जा रही है।
चाक परियोजना - इसमें विश्व बैंक से लोन लेकर स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए काम किया जाता था।
मुख्यमंत्री बाल उदय योजना -इस योजना के तहत बाल संप्रेक्षण गृहों में रहने वाले नाबालिगों के पुनर्वास के लिए योजना शुरु की गई थी।
बेरोजगारी भत्ता योजना : इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को हर महीने ढाई हजार रुपए देने का प्रावधान किया गया था।
इन योजनाओं का बदला नाम
कौशल्या समृद्धि योजना बनी महतारी वंदन : भूपेश सरकार ने यह योजना महिलाओं को रोजगार देने के लिए चलाई थी। नई सरकार ने अब महतारी वंदन योजना शुरु कर महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए डालना शुरु कर दिया।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना बनी उन्नत किसान योजना : इस योजना में भूपेश सरकार अनाज खरीदी पर बोनस देती थी। विष्णु सरकार ने भी बोनस दिया लेकिन नई योजना के नाम पर।
स्वामी आत्मानंद योजना : सरकार इस योजना का स्वरुप बदलने जा रही है, अब इन स्कूलों पर कलेक्टरों का अधिकार नहीं रहेगा। ये स्कूल शिक्षा विभाग के अंतरगत आएंगे। इन स्कूलों को अब पीएमश्री आत्मानंद स्कूल के नाम से जाना जाएगा।
योजनाओं पर तकरार
बीजेपी कहती है कि सरकार सिर्फ जनता की बेहतरी के लिए काम कर रही है। भूपेश सरकार ने योजनाओं के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार किया है। भ्रष्टाचार के पोषण लिए बनी योजनाएं बंद की जाएंगी। जो जनता की बेहतरी के लिए हैं उनका संचालन जारी रहेगा। जिस योजना में बदलाव की जरुरत होगी उन योजनाओं के स्वरुप में भी बदलाव किया जाएगा। वहीं कांग्रेस कहती है कि बीजेपी सरकार जनता के साथ छलावा कर रही है। जनता के कल्याण के लिए भूपेश सरकार ने कई योजनाएं बनाई थीं जिनको सरकार या तो बंद कर रही है या फिर उनका नाम बदल रही है। जनता की बेहतरी की योजनाएं यदि बंद हुई तो कांग्रेस इसका जमकर विरोध करेगी।