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Bijapur. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर खौफ फैलाने की कोशिश की है। माओवादियों ने दो ग्रामीणों की धारदार हथियार से हत्या कर दी। घटना शुक्रवार रात (24 अक्टूबर) की है। नक्सलियों ने उसूर थाना क्षेत्र के नेलाकांकेर गांव में दो युवकों को घर से बाहर बुलाकर मार डाला। मृतक आपस में मामा-भांजे और पड़ोसी बताए जा रहे हैं।
मृतकों की पहचान रवि कट्टम (25 वर्ष) और तिरुपति सोढ़ी (38 वर्ष) के रूप में हुई है। इनमें से तिरुपति का भाई सीआरपीएफ में जवान है। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों ने मुखबिरी के शक और बदले की भावना से इस वारदात को अंजाम दिया है।
वारदात का तरीका
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार देर रात नक्सली ग्रामीणों के घर पहुंचे। उन्होंने रवि और तिरुपति को घर से बाहर बुलाया और कुछ ही देर बाद धारदार हथियार से दोनों की हत्या कर दी। घटना के बाद गांव में दहशत फैल गई और परिजन सुबह तक शवों के पास बैठे रहे।
पुलिस को सूचना मिलने पर उसूर थाना पुलिस और सुरक्षाबल मौके पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फिलहाल, क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन और नक्सली विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है।
गृहमंत्री के दौरे के बाद हुई वारदात
यह हत्या उस समय हुई जब राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा हाल ही में बीजापुर और उसूर क्षेत्र का दौरा कर लौटे थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, माओवादी सरकार और सुरक्षा बलों की बढ़ती गतिविधियों से बौखलाए हुए हैं। यह हमला उसी नाराजगी और दबाव का नतीजा माना जा रहा है।
एक महीने में 7 ग्रामीणों की हत्या
बीजापुर और सुकमा जिलों में अक्टूबर महीने के भीतर ही 7 ग्रामीणों की हत्या हो चुकी है।
- 4 अक्टूबर: गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे से ठीक पहले नक्सलियों ने 2 ग्रामीणों को मार डाला।
- 28 सितंबर: बीजापुर में 27 वर्षीय सुरेश कोरसा की हत्या।
- अक्टूबर मध्य: दो शिक्षादूतों की हत्या, जिन पर मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।
नक्सलियों की यह लगातार हिंसा यह दिखाती है कि मुखबिरी के शक में निर्दोषों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
दोनों मृतक साधारण किसान थे
मृतक तिरुपति सोढ़ी 8वीं पास और पेशे से किसान था, जबकि रवि कट्टम 12वीं पास था। दोनों का आवापल्ली और बीजापुर मुख्यालय में आना-जाना रहता था। पुलिस को शक है कि नक्सलियों ने मुखबिरी के संदेह में दोनों को टारगेट किया।
नक्सली हिंसा का 25 साल का रिकॉर्ड
छत्तीसगढ़ राज्य गठन (2000) से अब तक के 25 सालों में 1820 से ज्यादा लोगों की हत्या नक्सलियों ने की है। इनमें आम नागरिक, जनप्रतिनिधि और शिक्षादूत शामिल हैं। सबसे ज्यादा हत्याएं बीजापुर जिले में हुई हैं, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में सबसे संवेदनशील माना जाता है।
पुलिस का बयान
बीजापुर एसपी ने बताया - “नक्सलियों ने गांव के दो निर्दोष ग्रामीणों की हत्या की है। यह पूरी तरह से कायराना हरकत है। इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। इसमें शामिल नक्सलियों की पहचान की जा रही है।”
ग्रामीणों में दहशत
लगातार हत्याओं से बीजापुर और आसपास के गांवों में डर का माहौल है। ग्रामीण रात में खेतों या जंगलों की ओर जाने से बच रहे हैं। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने और रात गश्त तेज करने की मांग की है।
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