/sootr/media/media_files/2025/10/14/ijapur-naxalite-killed-bjp-worker-2025-the-sootr-2025-10-14-12-25-04.jpg)
Bijapur. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बार फिर नक्सलियों की खूनी करतूत सामने आई है। नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता सत्यम पुनेम की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। घटना सोमवार (13 अक्टूबर) की रात की बताई जा रही है। मृतक मुजालकांकेर निवासी सत्यम पुनेम भाजपा संगठन से जुड़ा हुआ था। हत्या (Naxalite killed BJP worker) की यह वारदात इलमिडी थाना क्षेत्र में हुई है।
मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने दी सजा-ए-मौत
जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों को शक था कि सत्यम पुनेम पुलिस को उनकी गतिविधियों की जानकारी देता था। इसी शक के चलते माओवादियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद घटनास्थल पर नक्सलियों ने पर्चे फेंककर इस वारदात की जिम्मेदारी ली और लिखा कि पुनेम पुलिस अधिकारियों तक सूचनाएं पहुंचा रहा था। पुलिस को सूचना मिलने पर इलमिडी थाना टीम मौके पर पहुंची, शव को बरामद कर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
6 दिनों में तीसरी हत्या,बढ़ी दहशत
यह घटना बीजापुर में 6 दिनों के भीतर तीसरी हत्या है, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। इससे पहले नक्सलियों ने 9 और 11 अक्टूबर को दो अन्य ग्रामीणों को मौत के घाट उतारा था।
पहली घटना: ग्रामीण की गोली मारकर हत्या
9 अक्टूबर को पामेड़ थाना क्षेत्र के उड़तामल्ला गांव में नक्सलियों ने ग्रामीण कुमार पोडियम की हत्या कर दी थी। सूत्रों के अनुसार, देर रात कुछ सशस्त्र नक्सली गांव पहुंचे और कुमार पोडियम को घर से बाहर बुलाकर गोली मार दी। नक्सलियों ने उस पर भी पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया था।
दूसरी घटना: कमलापुर में धारदार हथियार से हत्या
इस वारदात के दो दिन बाद, 11 अक्टूबर की रात, उसूर थाना क्षेत्र के कमलापुर गांव में नक्सलियों ने ग्रामीण गुड्डू सोड़ी की धारदार हथियार से हत्या कर दी। बताया गया कि देर रात नक्सलियों का एक जत्था गांव पहुंचा, गुड्डू सोड़ी को घर से बाहर निकालकर हत्या कर दी। वारदात के बाद गांव में भय और सन्नाटा फैल गया।
तीसरी हत्या: भाजपा कार्यकर्ता सत्यम पुनेम की मौत
अब 13 अक्टूबर को भाजपा कार्यकर्ता सत्यम पुनेम की हत्या ने एक बार फिर बीजापुर जिले में दहशत का माहौल बना दिया है। मृतक पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नक्सली लगातार भाजपा से जुड़े ग्रामीणों को टारगेट बना रहे हैं।
पिछली बड़ी वारदातें
इससे पहले, 28 सितंबर को भी बीजापुर जिले के मनकेली पटेलपारा गांव में नक्सलियों ने 27 वर्षीय सुरेश कोरसा की हत्या कर दी थी। रात के अंधेरे में नक्सलियों ने उसे अगवा कर मौत के घाट उतार दिया। यह वारदात भी मुखबिरी के शक में ही की गई थी।
ये खबर भी पढ़ें... नक्सल ऑपरेशन में बड़ी सफलता: जिंदा IED के साथ 6 नक्सली गिरफ्तार, एक्टिव हुए जवान
इस मामले को 3 पॉइंट्स में समझें:
|
25 साल में 1820 से ज्यादा हत्याएं
राज्य गठन (2000) के बाद से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 1820 से अधिक लोगों की नक्सलियों द्वारा हत्या की जा चुकी है। इनमें आम नागरिकों से लेकर जनप्रतिनिधि, सरपंच, पंचायत सदस्य और पार्टी कार्यकर्ता तक शामिल हैं। सबसे ज्यादा हत्या के मामले बीजापुर जिले में सामने आए हैं, जो नक्सली गतिविधियों का केंद्र माना जाता है।
पुलिस अलर्ट पर, इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू
घटना के बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी को देखते हुए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि माओवादियों के इस तरह के लक्षित हमले लोकतंत्र पर सीधा प्रहार हैं और इनके खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी।
बीजापुर में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या साबित करती हैं कि बस्तर में नक्सल हिंसा की जड़ें अभी भी गहरी हैं। मुखबिरी के शक में ग्रामीणों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याओं ने न केवल गांवों में भय का माहौल बनाया है, बल्कि यह भी सवाल उठाया है कि क्या राज्य में नक्सलवाद की जड़ें वाकई कमजोर हो रही हैं या फिर रूप बदल रही हैं?