बीजापुर में माओवादी संगठन को बड़ा झटका: स्टेट कमेटी के तीन वरिष्ठ नक्सली लीडर्स ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। राज्य समिति के तीन वरिष्ठ माओवादी नेता – कुंकती वैंकट्या, मोमिलिडला वेंकटराज और तोडेम गंगा सोनू – ने हथियार डालते हुए आत्मसमर्पण किया।

author-image
Harrison Masih
New Update
bijapur-naxal-surrender-three-senior-maoist-leaders the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Bijapur. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां नक्सल संगठन के शीर्ष स्तर पर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। नक्सलियों के डीकेएसजेडसी (DKSZC) समेत राज्य समिति के तीन वरिष्ठ सदस्यों ने हथियार डाल दिए हैं। शुक्रवार को इन तीनों नक्सल नेताओं ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादी संगठन की राज्य समिति के प्रमुख चेहरे शामिल हैं।

ये खबर भी पढ़ें... 43 साल बाद कुख्यात नक्सली मंदा रूबेन ने किया सरेंडर,30 जवानों की हत्या में रहा है शामिल

आत्मसमर्पण करने वाले वरिष्ठ माओवादी नेता

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं –

  • कुंकती वैंकट्या उर्फ रमेश उर्फ विकास – दक्षिण बस्तर डिवीजन का DVCM और वरिष्ठ माओवादी नेता, जो पिछले 36 वर्षों से सक्रिय था।
  • मोमिलिडला वेंकटराज उर्फ राजू उर्फ चंदू – DVCM और राज्य समिति (SCM) सदस्य, 35 साल से भूमिगत जीवन जी रहा था।
  • तोडेम गंगा सोनू उर्फ सोनी – SCM सदस्य और जनता सरकार प्रभारी, जो 21 वर्षों से संगठन से जुड़ी रही।

तीनों ने संगठन की हिंसक विचारधारा से मोहभंग होने की बात स्वीकार की और मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई।

ये खबर भी पढ़ें... Gariaband Naxal encounter: 1 करोड़ के इनामी समेत 10 नक्सली ढेर, फायरिंग जारी

हिंसा से तौबा,शांति का रास्ता अपनाया

तीनों माओवादी नेताओं ने बताया कि वे अब हिंसा से दूर होकर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। उनके अनुसार, वर्षों से जारी हिंसा और बेमतलब की लड़ाई ने समाज और परिवार दोनों से उन्हें दूर कर दिया था। अब वे मुख्यधारा से जुड़कर (Bijapur Naxal surrender) समाज में योगदान देना चाहते हैं।

ये खबर भी पढ़ें... Naxal encounter: कांकेर में 8 लाख का इनामी नक्सली मासा ढेर,सर्चिंग ऑपरेशन जारी

बीजापुर नक्सल सरेंडर की 3 मुख्य बातें:

  1. तीन वरिष्ठ माओवादी नेताओं का आत्मसमर्पण:
    कुंकती वैंकट्या, मोमिलिडला वेंकटराज और तोडेम गंगा सोनू ने हथियार डालते हुए बीजापुर में आत्मसमर्पण किया।

  2. दीर्घकालीन भूमिगत सक्रियता:
    तीनों नेता 21 से 36 वर्षों तक नक्सल संगठन में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में रहे, जिसमें डीवीसीएम, एससीएम और जनता सरकार प्रभारी जैसी जिम्मेदारियाँ शामिल थीं।

  3. हिंसा से मोहभंग और मुख्यधारा में वापसी:
    उन्होंने संगठन की हिंसक विचारधारा से तौबा कर मुख्यधारा में शामिल होकर सामान्य जीवन जीने की इच्छा जताई।

पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी सफलता

यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह सफलता संयुक्त अभियान और जनता के बढ़ते विश्वास का नतीजा है। अधिकारियों का कहना है कि तीनों वरिष्ठ नक्सलियों के आत्मसमर्पण से संगठन को बड़ा संगठनात्मक झटका लगा है, क्योंकि ये नक्सली वर्षों से रणनीतिक फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।

ये खबर भी पढ़ें... Dantewada Naxal Surrender: दंतेवाड़ा में सबसे बड़ी सफलता,एकसाथ 71 नक्सलियों ने किया सरेंडर

FAQ

बीजापुर में कितने नक्सलियों ने सरेंडर किया?
बीजापुर में कुंकती वैंकट्या, मोमिलिडला वेंकटराज और तोडेम गंगा सोनू नामक तीन वरिष्ठ माओवादी नेताओं ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया।
नक्सली नेता आत्मसमर्पण क्यों कर रहे हैं?
तीनों वरिष्ठ नक्सल लेडर्स ने हिंसा और संगठन की कट्टर विचार धारा से मोहभंग होने के कारण मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीने की इच्छा जताई।
बीजापुर में आत्मसमर्पित नक्सली कितने समय से सक्रिय थे?
बीजापुर में आत्मसमर्पित नक्सली तीन दशक से सधिक समय से नक्सल गतिविधियों में एक्टिव थे।
बीजापुर नक्सल सरेंडर Bijapur Naxal surrender बीजापुर में कितने नक्सलियों ने सरेंडर किया Bijapur
Advertisment