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Bijapur. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां नक्सल संगठन के शीर्ष स्तर पर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। नक्सलियों के डीकेएसजेडसी (DKSZC) समेत राज्य समिति के तीन वरिष्ठ सदस्यों ने हथियार डाल दिए हैं। शुक्रवार को इन तीनों नक्सल नेताओं ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में माओवादी संगठन की राज्य समिति के प्रमुख चेहरे शामिल हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले वरिष्ठ माओवादी नेता
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं –
- कुंकती वैंकट्या उर्फ रमेश उर्फ विकास – दक्षिण बस्तर डिवीजन का DVCM और वरिष्ठ माओवादी नेता, जो पिछले 36 वर्षों से सक्रिय था।
- मोमिलिडला वेंकटराज उर्फ राजू उर्फ चंदू – DVCM और राज्य समिति (SCM) सदस्य, 35 साल से भूमिगत जीवन जी रहा था।
- तोडेम गंगा सोनू उर्फ सोनी – SCM सदस्य और जनता सरकार प्रभारी, जो 21 वर्षों से संगठन से जुड़ी रही।
तीनों ने संगठन की हिंसक विचारधारा से मोहभंग होने की बात स्वीकार की और मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई।
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हिंसा से तौबा,शांति का रास्ता अपनाया
तीनों माओवादी नेताओं ने बताया कि वे अब हिंसा से दूर होकर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। उनके अनुसार, वर्षों से जारी हिंसा और बेमतलब की लड़ाई ने समाज और परिवार दोनों से उन्हें दूर कर दिया था। अब वे मुख्यधारा से जुड़कर (Bijapur Naxal surrender) समाज में योगदान देना चाहते हैं।
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बीजापुर नक्सल सरेंडर की 3 मुख्य बातें:
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पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी सफलता
यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह सफलता संयुक्त अभियान और जनता के बढ़ते विश्वास का नतीजा है। अधिकारियों का कहना है कि तीनों वरिष्ठ नक्सलियों के आत्मसमर्पण से संगठन को बड़ा संगठनात्मक झटका लगा है, क्योंकि ये नक्सली वर्षों से रणनीतिक फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।