मोदी की गारंटी पर तीन महीने में खर्च हुआ डेढ़ लाख करोड़ का बजट, 200 दिनों की सरकार से रोजाना 200 सवाल

22 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र शुरु होने जा रहा है। इस मानसून सत्र में सीएम विष्णुदेव साय सप्लीमेंट्री बजट लाने जा रहे हैं। यानी सरकार का खजाना खाली हो गया है।

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Arun tiwari
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रायपुर : मोदी की गारंटी पर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में सरकार तो बना ली लेकिन अब यह गारंटी उसे बहुत महंगी पड़ रही है। साय सरकार मार्च में करीब डेढ़ लाख करोड़ का बजट लेकर आई थी। यह बजट (Budget ) पूरे साल के सरकार के खर्च के लिए होता है, लेकिन तीन महीने में ही पूरा बजट खर्च हो गया। जाहिर है मोदी की गारंटी पूरी करने में सरकार ने पूरा बजट झोंक दिया। अब विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार को सप्लीमेट्री बजट की जरुरत आ गई है। 22 जुलाई से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र में सरकार इस वित्तीय वर्ष का पहला सप्लीमेंटरी बजट लेकर आ रही है। इसके अलावा 200 दिनों की सरकार पर रोजाना 200 से ज्यादा सवाल उठने वाले हैं। 

3 महीने में उड़ा दिए डेढ़ लाख करोड़ 

22 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र शुरु होने जा रहा है। इस मानसून सत्र में सीएम विष्णुदेव साय सप्लीमेंट्री बजट लाने जा रहे हैं। यानी सरकार का खजाना खाली हो गया है। इससे पहले सरकार ने मार्च में अपना पूर्ण बजट पेश किया था। यह बजट करीब डेढ़ लाख करोड़ का था। इसका मतलब है कि तीन महीने में ही सरकार ने साल भर का फंड डेढ़ लाख करोड़ खर्च कर दिया। सवाल ये है कि यह फंड आखिर कहां खर्च हुआ। जानकारी के मुताबिक यह पूरा फंड मोदी की गारंटी पर खर्च किया गया है। मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने के लिए साय ने साल भर का बजट तीन महीने में खर्च दिया। यानी मोदी की गारंटी साय सरकार को बहुत महंगी पड़ गई। धान का बोनस हो या नई दरों पर तेंदूपत्ता की खरीदी या हर महीने 70 लाख महतारी को एक हजार रुपए। इन फ्री बीज की योजनाओं में सारा फंड लग गया। इसका असर प्रदेश के डेवलपमेंट पर पड़ रहा है। सरकार अब उम्मीद भरी निगाहों से केंद्र सरकार की ओर देख रही है। सरकार करीब एक हजार करोड़ से ज्यादा का सप्लीमेंट्री बजट लाने जा रही है।  

5 दिन के सत्र में एक हजार सवाल  

22 जुलाई से शुरु हो रहे पांच दिनी सत्र में सरकार पर रोजाना करीब 200 सवाल उठने वाले हैं। तीन जुलाई तक विधायकों के सवाल भेजने का समय था। इस तारीख तक विधानसभा को 966 सवाल मिले हैं। इन सवालों में सरकार को बलौदाबाजार घटना पर सबसे ज्यादा घेरने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा कानून व्यवस्था, महतारी वंदन में महिलाओं से भेदभाव, बिजली कटौती, कर्ज का बढ़ता बोझ और मोदी की गारंटी पर खर्च हुई राशि के कारण प्रभावित हो रहे प्रदेश के विकास पर भी कांग्रेस ने सवाल लगाए हैं। 

24 जुलाई को विधानसभा घेराव 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस राज्य में  बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में मानसून सत्र के दौरान 24 जुलाई को विधानसभा का घेराव करेगी । कांग्रेस ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर निशाना साधा और उन्हें असहाय सीएम करार दिया। उन्होंने कहा कि वे कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं। कांग्रेस इस विधानसभा घेराव में अपनी पूरी ताकत दिखाना चाहती है। हर जिले से कार्यकर्ताओं को रायपुर इकट्टा होने के लिए कहा गया है। इसके लिए विधायकों और जिला अध्यक्षों को टारगेट दिया गया है कि वे इस प्रदर्शन को प्रभावी बनाने के लिए लोगों की भीड़ जमा करें।

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